नमस्कार दोस्तों आज की कहानी एक गांव की है जहां एक गरीब बुढ़िया रहती थी | बुढ़िया की सच्ची कहानी गांव में बूढी अम्मा की चुड़ैल रहती थी | गांव में साहूकार परिवार को ही परशान करती थी क्यों करती थी ये जाने के लिए आप को कहानी पढ़ना पड़ेगा।
बूढ़ी अम्मा की कहानी
एक गांव में एक बूढ़ी अम्मा रहती थी सब उसे अम्मा बोल कर बुलया करते थे। वो ज्यादा गरीब होने के कारण गांव के शिव मंदिर के सीडी में भीख मांगा करती थी | सब उसे अम्मा बोल बोल कर खाना और कुछ पैसा दे दिया करते थे रोज ऐसी चलते आ रहा था।
साहूकार के परिवार वाले अम्मा का अपमान करते आ रहे थे। अम्मा को बिखरी कुछ भी बोल दिया करते थे पर अम्मा हमेशा खुश रहो बोल दिया करती थी साहूकार के बच्चे ने अम्मा को बोला की ये बुढ़िया यह से उठ यह क्यों बैठी है |
यह मंदिर हमारा है तभी अम्मा बोली मै मंदिर के बहार में हु बेटा मंदिर के अंदर नहीं गई हु। यह सुन कर साहूकार गुस्से से लाल हो गया था की ये बुढ़िया को कैसे भी कर के मंदिर की सीढ़ी से उठना पड़ेगा। तभी साहूकर ने सोचा की क्यों न बुढ़िया पर चोरी का एग्जाम लगाया जाये।
मंदिर का चोर कौन है
साहूकार की फॅमिली अम्मा को बहुत परशान करती थी एक दिन तो हद ही हो गई साहूकार के बेटा ने मंदिर के सरे सोना चाँदी चोरी कर ली और नाम बूढ़ी अम्मा पर दाल दिया। साहूकार का बेटा जुआ और पिने की लत ने साहूकार के बेटे को बर्बाद हो गया था उसको कोई रास्ता नहीं देखा |
तो वो मंदिर की सीढ़ी में बैठी अम्मा का नाम ले दिया और कुछ सोना चाँदी उसकी पोटरी में दाल दिया। यह बात किसी को पता नहीं था। जब मंदिर के पुजारी को पता चला की मंदिर के सभी सोना चांदी गायब है तो पुजारी ने सभी गांव वालो को बताया। गांव के सभी लोग मंदिर के पास आये और सोच में पद गए की कौन चोरी कर सकता है।
साहूकार के बेटे ने बूढी अम्मा का नाम ले कर बोला इसके शिवा और कौन चोरी कर सकता है। इसका बैग चेक करो गांव वाले भी बोलने लगे हं हं चेक करो। साहूकार का बेटा जब बूढी अम्मा का बैग चेक किया तो कुछ सोना चाँदी अम्मा के बैग से निकलता है सभी गांव वाले अम्मा को बुरा भला बोलने लगते है।

बूढी अम्मा ने क्यों ली अपने जान
अम्मा बोलती है गांव वालो से की भगवन के लिए चुप हो जाओ मैंने चोरी नहीं की है क्यों मेरे ऊपर इल्जाम लगा रहे हो मुझे नहीं पता मेरी पोटली में ये कहा से आया मैंने चोरी नहीं की है। बूढ़ी अम्मा यह सब सहन नहीं कर पाती है बहुत रोती है अम्मा और बोलती है यह भगवन मैंने ऐसा क्या किया है जो हमेशा से दुःख ही पा रही हु |
बूढी अम्मा रोज मंदिर के पास जाती पर उसको कोई भिक नहीं देता था सब उसको बुरा बाला सुनते थे। गांव वाले चोर चोर बोल कर चिढ़ा रहे थे और न जाने कितना कुछ बोल जाया करते थे बूढी अम्मा रोते हुए अपने घर आती थी। जब वो सहन नहीं कर पाई अपना अपमान तो बूढी अम्मा ने अपने आप को आग लगा लेती है पर अम्मा की आत्मा भटकते रहती है ( बूढी अम्मा की चुड़ैल )।
साहूकार के घर की अजीबो गिरबो कहानिया
साहूकर के घर में सब काम अजीबो गिरबो हो रहे थे। उनका कारोबार भी पूरा तप हो गया था। साहूकार की फॅमिली में सब को बूढी अम्मा की चुड़ैल देखती थी उसके घर में लड़ाई झगड़ा भी बहुत होता था। तभी साहूकार ने बोलै की अब तो गुरु देव को बुलाना ही पड़ेगा। साहूकार के घर कुछ दिन बाद गुरुदेव आते है।
साहूकार से पूछते है क्या हुआ तब सब चीज़ साहू कर बताते है की वो बूढी अम्मा की चुड़ैल मेरे परिवार को बहुत सत्ता रही है गुरुदेव क्या करना चाहिए अब आप ही बताये हम तो बहुत परशान है। तभी सब से गुरु देव पूछते है की सब लोग बताओ क्या क्या हुआ है। सब कोई बताते है हम सब मिल के उनका अपमान करते थे |
हमेशा परशान करते थे गुरुदेव पूछते है ऐसी और कोई बत तो नहीं है न जो आप लोग छुपा रहे हो। सब कोई बोलते है नहीं साहूकार का बीटा भी चुप रहता है बूढी अम्मा की चुड़ैल साहूकर के बेटे को ही ज्यादा परशान करती थी |
उसको उठा कर पटक देना और बहुत परशान करती थी। गुरुदेव साहूकार के घर में दो चार दिन रह कर देखते है। तब उन्हें समझ आता है गुरुदेव साहूकार की फॅमिली को सब को एक जगह भूलते है और पूछते है आप लोगो ने कुछ चुप्या तो नहीं है सही सही बताओ सब मुंडी हिला कर बोलते है नहीं गुरुदेव जी।
तभी गुरुदेव साहूकार के बेटे को बोलते है यह सब तुम्हारे नाम से हो रहा है। साहूकार का बीटा दर जाता है और बोलता है मैंने कुछ नहीं किया है गुरुदेव बोलते है क्या तुमने चुराई थी मंदिर के सभी सोना चाँदी को जुठ मत बोलना। साहूकार का बेटा डरते हुए बोलै हं गुरु देव मैंने ही चुराया है मंदिर का सभी सोना को फिर डरते डरते सभी बात बता देता है साहूकार बहुत गुस्सा होता है।
चुड़ैल की बाते
साहूकार बोलता है अब आप ही कुछ रास्ता निकले गुरुदेव क्यों की बूढी अम्मा की चुड़ैल किसी को शांति से रहने नहीं दे रही है। गुरुदेव तभी सोचते है और रात में अपने तंत्र मंत्र के शक्ति से भूलते है बूढी अम्मा की चुड़ैल को सब के सामने आ खड़ी हो जाती है बूढी अम्मा की चुड़ैल बूढी अम्मा बोलती है साहूकार के परिवार वाले मुझे चैन से नहीं रहने देते थे |
साहूकार के बेटे के नाम से मै मरी हु इसको मै नहीं छोडूंगी ये सब को परशान करता है। सब बात बोल देती है बूढी अम्मा की चुड़ैल। तभी गुरुदेव बोलते है तुम कैसे संत होगी उसका उपाए बताओ तब बूढी अम्मा की चुड़ैल बोलती है।
ये घर में मेरी मेरी मूर्ति बनाओ और रोज पूजा करो साहूकार के बेटे को बोली तुम सब मंदिर के सोना चाँदी वापस कर दो और ये घर में मैश नहीं बनना चाइये तब साहूकार बोला हं ठीक है। हम ऐसा ही करेंगे गुरुदेव बोलते है बूढी अम्मा की चुड़ैल को ठीक है अब तुम यह लोग को परशान नहीं करोगी और चले जाओगी।
बूढी अम्मा की चुड़ैल बोली ठीक है मै चली जाउंगी मै बोली हु वो सब काम पूरा होते ही मै चले जाउंगी पर एक बात याद रखना जैसे यह लोग मेरे बोलने के विरुद जायेगे मै वापस आ जाउंगी।
दोस्तों मै श्वेता उम्मीद करती हु की आप लोगो को स्टोरी बूढी अम्मा की चुड़ैल अच्छी लगी हो | अगर अच्छी लगी हो तो प्ल्ज़ कमेंट कर के जरूर बताये | ऐसी सच्ची स्टोरी आप लोग के लिए लाते रहेंगे।
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