हेलो दोस्तों,
मै श्वेता, आप सभी का मेरे वेबसाइट chudailkikahani.com में स्वागत है आज मै आप सभी को छत्तीसगढ़: दुनिया में एकमात्र कौशल्या माता मंदिर रायपुर के पास चांदखुरी में स्थित है के बारे में बताने वाली हु | जो 126 तालाबों के लिए मशहूर रायपुर जिले के चंदखुरी गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर है जो दुनिया में भगवान राम की मां का इकलौता मंदिर है. माता कौशल्या के जन्म स्थल के कारण ही इसे रामलला का ननिहाल कहा जाता है |
Table of Contents
1. छत्तीसगढ़ का महत्व
छत्तीसगढ़ एक राज्य है जो भारतीय उपमहाद्वीप के मध्य में स्थित है। यहां एकमात्र कौशल्या माता मंदिर स्थित है जो इस राज्य के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

2. कौशल्या माता मंदिर के बारे में जानकारी
छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित चांदखुरी क्षेत्र में कौशल्या माता मंदिर है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण परंपरागत शैली में किया गया है और इसे स्थानीय आदिवासी संस्कृति के साथ जोड़ा गया है।
मंदिर की सुंदर संरचना और स्थानिक संस्कृति के प्रमुख तत्वों के कारण यह आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर में कौशल्या माता की प्रतिमा स्थापित है, जिसे लोग विशेष भक्ति और सम्मान के साथ पूजते हैं।
छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता मंदिर की भूमिका धार्मिकता, आध्यात्मिकता, और परंपरागतता का संगम स्थान है। यहां के पर्यटन स्थलों में भी यह मंदिर महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यहां के आराधकों के बीच प्रसिद्ध है।
3. मंदिर सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था
दोस्तों एक मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था। लोककथाओं के मुताबिक, यहां माता कौशल्या ने राजा को सपने में दर्शन देकर कहा था कि वो इस स्थान पर मौजूद हैं। इसके बाद राजा ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो मूर्ति मिली। बाद में राजा ने मंदिर बनवाकर मूर्ति की स्थापना की। 1973 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था।
4. मन्नत ऐसे मांगी जाती है
दोस्तों इस मंदिर के परिसर में सीताफल का एक पेड़ है। जिसमें पर्ची में नाम लिखकर उसे श्रीफल के साथ बांधा जाता है। मान्यता है कि, ऐसा करने से जो मन्नत मांगी जाती है वो जरूर पूरी होती है। लोग ये भी कहते हैं कि, जिस स्थान पर पेड़ है वहां पहले नागराज की बड़ी बाम्बी हुआ करती थी, मन्नतें भी नागराज ही पूरी करते हैं।
5. मंदिर को सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था
दोस्तों आप को बता दे की इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था। लोककथाओं के मुताबिक, यहां माता कौशल्या ने राजा को सपने में दर्शन देकर कहा था कि वो इस स्थान पर मौजूद हैं। इसके बाद राजा ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो मूर्ति मिली। बाद में राजा ने मंदिर बनवाकर मूर्ति की स्थापना की। 1973 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था।
6. रामलला का ननिहाल कहा जाता है इस मंदिर को
इस मंदिर को रामलला का ननिहाल कहा जाता है 126 तालाबों के लिए मशहूर चंदखुरी गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर है। माता कौशल्या का जन्मस्थान होने के कारण इसे रामलला का ननिहाल भी कहा जाता है। इसीलिए हर साल दीपावली के अवसर पर चंदखुरी में भी भव्य उत्सव होता है। दिये जलाए जाते हैं। लोग राम की विजय और अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं।
इन्हीं मान्यताओं के कारण छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ को विकसित करने को लेकर काम कर रही है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 51 स्थलों का चयन किया गया है। इसके लिए लगभग 137.75 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया गया है। अभी इस मंदिर का निर्माण अभी प्रगति पर है |

समाप्ति
इस लेख में हमने छत्तीसगढ़ के एकमात्र कौशल्या माता मंदिर के बारे में जानकारी प्रदान की है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति, परंपरा, और धार्मिकता का प्रतीक है। इसकी सुंदरता और महत्व को देखते हुए यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
धार्मिक स्थलों की यात्रा करना और धार्मिकता को अनुभव करना मानसिक और आध्यात्मिक शांति के लिए महत्वपूर्ण है। कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहां जाकर आप अपने आप को धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ जोड़ सकते हैं।
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