दोस्तों आज मै एक मजेदार कहानी बताने वाली हु चुड़ैल बुलाने का खेल | ये खेल तो आप लोगो ने सुना ही होगा चुड़ैल बुलाने का खेल और बच्चे तो ये खेल ग्रुप में खेलते रहते है एक बार आप भी बच्चे बन कर ये कहानी को पढ़े और अपने बच्चो को सुनए। आप लोगो को ये कहानी जरूर पसंद आएगी।
शिमला फ्रेंड्स ट्रिप
एक बार मुंबई से चार दोस्त शिमला घूमने के लिए निकलते है सोनू ,मोनू ,तनु और रिया रस्ते में जाते सोनू सब से बात करते हुए अरे हम लोग को बहुत मजा आने वाला है पहाड़ की ठंडी हवा साफ सुधरा वातावरण मुझे बहुत पसंद है।मोनू हं यह तो तुमने सही बोला पहाड़ो का मुकाबला मुंबई कहा कर सकता है |
मुंबई तो प्रदूषण से भरपूर है आये दिन इस प्रदूषण से बीमार रहता है इतनी बीमारी फेल गई है इस प्रदूषण की पूछो ही मत। सोनू हं भाई तुम सही बोल रहे हो मेरे भाई पहाड़ो की बात ही अलग है पर मैंने एक बात सुनी है पहाड़ो में चुड़ैल का साया बहुत है पहाड़ो रास्तो में आये दिन दुर्घटना होती रहती है इंसानो की मूत के बाद उनकी आत्मा पहाड़ो पर घूमती है।
तनु बोलती है हं यहां बात सही है मै भी मानती हु चुड़ैल होती है मुझे भी मेरे अंकल बता रहे थे वो भी पहाड़ो में अपनी छुट्टिया बनाने आये हुए थे। उन्हें भी एक चुड़ैल का एहसास हुआ था उनके होटल कमरे में उनकी जान बहुत मुश्किल से छूटी वो आज भी पहाड़ो में आने से डरते है। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani
मोनू बहुत हस्ता है और बोलता है ये सब तुम कैसी बात कर रहे हो ये चुड़ैल की बात कहा से आ गई बिच में ये चुड़ैल ऐसा कुछ नहीं होता न मै मनता इन सब को ये चुड़ैल की बाते बेकार है हम पहाड़ो में आये है अपनी छुट्टिया बनाने और यहाँ खूब मस्त करेंगे तुम सब ये चुड़ैल की बातो में अपना टाइम जाया मत करो।
तभी रिया बोलती है अरे मोनू तुम कैसे बात करते हो हम घर से दूर सरे दोस्त मिल कर चुटिया बनाने आये है हमे सब बातो का ध्यान रखना पड़ेगा। मोनू हं तुमने ठीक कहा रिया पर मै यह चुड़ैल वाली बात नहीं मनता यह सब बेकार की बाते है मै ये अंधविश्वास में विश्वास नहीं करता तुम ये चुड़ैल की बात मेरे सामने ना ही करो तो ही अच्छा है। मुझे जब ये चुड़ैल सामने दिखेगी तभी मै विश्वास करुगा।
तभी रिया बोलती है मै तुम्हे चुड़ैल होती है उसमे विश्वास करवा दूंगी मेरे पास ऐसा गेम है जिसे खेल कर तुम्हे विश्वास हो जायेगा की चुड़ैल होती है। ये सब सुन कर सोनू बोलता है रिया ये तुम क्या बोल रही हो मुझे सुन कर ही डर लगने लग गया है मुझे माफ़ करो यह चुड़ैल की बाते बंद करो यहाँ हमारे साथ हमारे माँ बाप भी नहीं है हमे कोई नहीं आएगा बचने। मोनू खूब हस्ता है और बोलता है मोनू मुझे नहीं पता था तुम बहुत डरपोक हो। रिया तुम मुझे बताओ क्या गेम है। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani

चुड़ैल वाला गेम
मोनू मै ये चुड़ैल बुलाने का खेल खेलना चाहता हु। रिया ठीक है हम एक बार होटल पहुंच जाये फिर रात में खाना खा कर ये गेम खेलते है सोनू और तनु , मोनू और रिया का बात सुन कर बहुत डर जाते है। देखते ही देखते कुछ ही समय में चारो दोस्त शिमला के होटल में पहुंच जाते है।
मोनू बोलता है चलो हम होटल पहुंच गए है जल्दी जल्दी अपना सामान उतारते है और खाना खा कर अपने अपने रूम में आराम करते है हम सभी थक भी गए है। होटल के रूम में जाने के बाद सोनू बोलता है चलो जल्दी से खाना खा कर आराम करते है और कल सुबह जल्दी उठ कर शिमला घूमते है मुझे नींद भी आ रही है। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani
मोनू सोनू से अरे ऐसे कैसे मेरे दोस्त हम मुंबई से इतनी दूर से आये है मस्ती करने के लिए आये है सोने थोड़ी हम पहले खाना खा लेते है फिर रिया वाला गेम खेलते है | मै भी तो देखु कहा है पहाड़ वाली चुड़ैल मैंने आज तक अनुभव नहीं किया ,मै भी आखिर देखना चाहता हु चुड़ैलों को ,मोनू की बात सुन कर तनु बहुत डर जाती है और बोलती है |
मोनू तुम ये क्या बोल रहे हो मुझे नहीं खेलना यह खेल मुझे चुड़ैल से बहुत डर लगता है अगर गलती से भी कुछ अनहोनी हो गई ना तो तुम्हारे मजाक के चाकर में हम सब की जान खतरे में पड़ जाएगी न ही मुझे ये गेम खेलना है और ना मै तुम में से किसी को खेलने दूंगी। रिया अरे तनु ये मोनू को मजाक लग रहा है आज इसे चाली चाली गेम खेला कर चुड़ैल में यकीं करवा ही दिया जाये।
मोनू हं ठीक है चलो आज मै यह खेल खेले बिना नहीं सोऊंगा और अगर इस गेम में अगर चुड़ैल नहीं आई तो तुम रात में ठण्ड में बहार खड़ी होगी बिना जैकेट के तब तुम्हे शिमला की ठण्ड पता चलेगी। रिया ठीक है चलो मैंने मन ली तुम्हारी शर्त अगर चुड़ैल आई तो तुम्हे करना पड़ेगा।
ठीक है मन ली तेरी सर्त तनु और मोनू दोनों इन्हे रुकने की बहुत कोशिश करते है पर वे दोनों उनकी बात नहीं सुनता। रिया मोनू से तुम अच्छे से खाना खा लो क्या पता ये तुम्हारी लास्ट डिनर हो। मोनू बहुत हस्ता है और बोलता है हं हं क्यों नहीं वो तो पता लगेगा। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani

चाली चाली गेम
चारो दोस्त डिनर कर के रूम में आते है और गेम खेलने बैठ जाते है। रिया एक पेपर में चाली चाली लिख कर पेंसिल से एक plus का निशान बना देती है और plus के चारो तरफ यस नो लिख देती है। तनु बोलती है मोनू बहुत हो गया तुम्हारा पागल पन गेम खेलना शुरू कर रहे है चुड़ैले रूम में कभी भी आ जाएगी।
तुम तीनो से विनती है की गेम को कोई भी कुछ भी हो जाये बिच में नहीं छोड़ेगा जो छोड़ेगा उसकी जान को खतरा रहेगा। मोनू रिया से तुम ये सब बात कर के ये दोनों को डराओ मत गेम को चालू करो। मोनू का ये जवाब सुन कर रिया बहुत गुस्से में आ जाती है और गेम चालू कर देती है।
रिया चाली चाली चाली क्या तुम इधर हो पेपर में राखी पेंसिल घूमती नहीं है तभी मोनू बोलता है रिया आज तो तुम्हे शिमला की सर्दी का मजा लेना होगा बहार खड़े होने के लिए रेडी रहो। रिया मोनू को कोई भी जवाब नहीं देती है और चाली को फिर से बुलाती है चाली चाली क्या तुम इधर हो पेंसिल घूम कर पेपर में लिखी यस पर चलीं जाती है। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani
पेंसिल को घूमता देख सोनू और तनु डर जाते है पर मोनू पेंसिल को घूमता देख मजाक पर ले लेता है और रिया को बोलता है मोनू ऐसे मजाक क्यों करती हो कोई चुड़ैल नहीं है इस रूम में ये तुम्हारी कोई चल है पेंसिल को घूमने की, तुम हमे पागल बना रही हो मै पागल नहीं हु।
रिया बोलती है मै कोई मजाक नहीं कर रही हु मोनू हमेशा हर बात मजाक में मत लिया करो यहाँ सच में चुड़ैल है अगर ये सब बाते तुम्हे मजाक लग रही है तो तुम बाद में मत कहना तुम्हारे साथ कोई अनहोनी हो गई तो।मोनू ओ हो तुम भी न रिया एक बार पेंसिल के घूमने से क्या होता है हम सब बरी बरी से चाली से सवाल पूछेंगे।
रिया ठीक है तुम सब भी चाली से सवाल पूछ लो बस मेरी एक बात याद रखना जब थक मै ना बोलू तब थक तुम में से कोई भी यहाँ से नहीं उठेगा चाहे कुछ भी हो जाये। तनु रिया से बोलती है ठीक है रिया हम में से कोई नहीं उठेगा। मोनू अरे पहले देखे तो सही की चाली सवाल का जवाब देती है की नहीं।
रिया ठीक है चलो सब एक एक कर के चाली से सवाल पूछो। तनु पहले सवाल करती है चाली चाली क्या मै इस बार पेपर में अच्छे नंबर से पास होगी पेंसिल घूम कर यस में आ कर रुक जाती है ,फिर आती है सोनू की बरी चाली चाली क्या मै बड़ा हो कर बहुत पैसे कमाऊंगा पेंसिल नहीं हिलती सोनू फिर यही सवाल दुबारा पूछता है चाली चाली क्या मै बड़ा हो कर बहुत पैसे कमाऊंगा फिर पेंसिल घूम कर यस में आ जाती है, फिर आती है मोनू की बरी चाली चाली क्या तुम पागल हो। (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani
पेंसिल नहीं घूमती मोनू फिर सवाल करता है चाली चाली क्या तू पागल हो पेंसिल फिर नहीं घूमती मोनू बहुत हॅसने लग जाता है और बोलता है देखा मैंने कहा था ना रिया ये खेल बस तुम्हारे साथ ही चल सकती है।यह मेरे साथ नहीं चलेगी देखो पेंसिल बिकुल भी नहीं घूम रही और वो अपनी जगह पर ही खड़ी है मोनू हस्ते हुए खड़ा हो जाता है और पेंसिल को लात मर देता है।
रिया गुस्से से बोलती है मोनू ये तुमने क्या किया मैंने तुम्हे मन किया था ना उठने के लिए। तभी पेंसिल घूम कर यस में आ जाती है और रूम की लाइट बंद चालू होने लगती है। मोनू डर कर उसके मुँह से मम्मी बचा लो मै तो मर गया रे ,भागो यहाँ से रे ,रूम से ही अजीबो जरीबो आवाज आती है|
चुड़ैल बोलती है हं मै पागल हु अब देखो मै तुम्हारा क्या करती हु पागल चुड़ैल तो कुछ भी कर सकती है फिर एकदम से रूम की लाइट बंद हो जाती है और मोनू को चुड़ैल दिवार में दक्का दे कर मरती है मोनू को दक्का लगने के कारन मोनू बेहोश हो जाता है और रूम की लाइट अपने आप चालू हो जाती है। तब से मोनू की याद दास चलीं जाती है और अब मोनू को सुनने समझने की सकती नहीं रहती है।

दोस्तों मै श्वेता उम्मीद करती हु की आप लोगो को मेरी कहानी (चुड़ैल बुलाने का खेल ) | chudail ki kahani अच्छी लगी हो | अगर अच्छी लगी हो तो प्ल्ज़ कमेंट कर के जरूर बताये | ऐसी सच्ची स्टोरी आप लोग के लिए लाते रहेंगे।
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