हेलो दोस्तों, मै श्वेता आप सभी का स्वागत है आज मै गिलोय का सेवन आयुर्वेद के अनुसार: जानिए इसके फायदे और तरीके के बारे में बताने वाली हु |आयुर्वेद में कई सारे हर्ब्स को फायदेमंद माना जाता है। मेमोरी को बूस्ट करने से लेकर, स्ट्रेस को दूर करने तक इन आयुर्वेदिक हर्ब्स के कई फायदे हैं और ऐसा ही एक आयुर्वेदिक हर्ब है गिलोय।
गिलोय को आयुर्वेद में अमृत कहा जाता है। कोरोना के समय में भी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए गिलोय का काफी इस्तेमाल किया जाने लगा था। गिलोय इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, ब्रेन के लिए टॉनिक होता है, स्ट्रेस को कम करता है और मेमोरी को बूस्ट करता है।
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भूमिका
आयुर्वेद में गिलोय को अमृता के समान माना गया है। यह प्राचीन समय से ही उपचार तथा सेहत को सुधारने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसके लाभों का अध्ययन आज भी जारी है और आधुनिक शोधों में भी इसके गुणों की पुष्टि होती है। इस लेख में, हम आपको गिलोय के आयुर्वेदिक फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और साथ ही इसके सेवन के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।

समझने के लिए मूल तत्व
गिलोय जिसे अंग्रेजी में “Tinospora Cordifolia” और हिंदी में “गुरुच” भी कहा जाता है, एक विशेष प्रकार का बेल है। इसकी लता वृक्ष की तरह तीव्र रूप से बढ़ती है। इसकी पत्तियां भी बड़ी होती हैं और गहरे हरे रंग की होती हैं। गिलोय के सेवन से सारी त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को नष्ट किया जा सकता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचय होता है। इसके गुणों के चलते यह रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है और शरीर को मजबूत बनाता है।
गिलोय के आयुर्वेदिक फायदे
1. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
गिलोय में रहने वाले विशेष प्रकार के रसायनिक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है जिससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता में सुधार होता है।
2. पाचन तंत्र को सुधारने में मदद
गिलोय का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। यह अपच, एसिडिटी, गैस, और बदहजमी जैसी समस्याओं को कम करने में सक्षम होता है।
3. रक्त शुद्धि के लिए उपयोगी
गिलोय शरीर के रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और रक्त संचय को रोकता है। यह कई रक्त संबंधी रोगों जैसे एनीमिया को भी दूर करने में सहायक होता है।
4. डायबिटीज के प्रबंधन में असरदार
गिलोय के नियमित सेवन से डायबिटीज के प्रबंधन में सहायक हो सकता है। यह रक्त में शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है और इस समस्या के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
5. श्वास-रोगों के लिए उपयोगी
गिलोय के रस को पीने से श्वास-रोग (अस्थमा) के मरीजों को लाभ होता है। यह श्वास-रोग से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों को आराम पहुंचाता है और सांस लेने में आसानी प्रदान करता है।
गिलोय के सेवन के तरीके
गिलोय के फायदों का लाभ उठाने के लिए इसका सेवन करने के कुछ विभिन्न तरीके होते हैं।
1. गिलोय का काढ़ा
गिलोय के पत्ते और स्टीम को पानी में उबालकर एक काढ़ा बना सकते हैं। इसके लिए एक गिलोय की लता को छोटे टुकड़ों में काट लें और उन्हें 2 कप पानी में उबालें। पानी की मात्रा आधारित चायपती का एक कप शेष रह जाए। इसे उबालने के लिए धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक उबालें। फिर उसे ठंडा होने दें और उसका छाँवन करें। इस काढ़े को नियमित रूप से पियें।
2. गिलोय का रस
गिलोय की लता से रस निकालकर भी सेवन किया जा सकता है। इसके लिए ताजा गिलोय की लता को पानी से धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें और मिक्सर या ब्लेंडर में पीस लें। फिर इस मिश्रण को कपवादी या किसी स्ट्रेनर से छाँवन करें। इस रस को एक चम्मच के समान नियमित रूप से लें।
3. गिलोय की गोलियाँ
गिलोय के पत्तों से बनी गोलियाँ भी उपलब्ध होती हैं। इसके सेवन के लिए आप दवाई की तरह यह गोलियाँ खाएं। गिलोय की गोलियों का सेवन भी आयुर्वेदिक विधि होती है और इससे भी इसके फायदे होते हैं।
गिलोय के सेवन में सावधानियां
गिलोय का सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
- गिलोय का सेवन किसी भी रूप में करने से पहले एक विशेषज्ञ वैद्य से सलाह ज़रूर लें।
- गर्भवती महिलाओं को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी तरह के दवाई या चिकित्सा निदान में जुड़े समस्याओं के लिए सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
- गिलोय का सेवन नियमित रूप से करें, लेकिन अधिकतर 8 सप्ताह तक करें, फिर इसे 2 सप्ताह के लिए बंद करें और फिर से शुरू करें।
- गिलोय के सेवन से पहले अपने शारीरिक संरचना के अनुसार उचित मात्रा में लें।

समाप्ति
गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है जो सदियों से लोगों के उपचार में उपयोगी रही है। इसके बहुत से फायदे हैं जो शारीर के विभिन्न रोगों के इलाज में मदद कर सकते हैं। गिलोय को सही तरीके से सेवन करने पर आप अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं।
इसके साथ ही, अपनी चिकित्सक से परामर्श करके इसे सेवन करने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्तिथि और संभावित रिस्क्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही ध्यान रखें कि गिलोय को आयुर्वेद के अलावा और किसी विशेषज्ञ वैद्य के सुपरविज़न में ही सेवन करें।
ध्यान दें, यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से दिया गया है और किसी भी चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। सेहत से जुड़े निजी समस्याओं के लिए इसे चिकित्सक की सलाह से अधिकतम लाभ उठाने का प्रयास करें।
यह लेख आपको गिलोय के आयुर्वेदिक फायदे और सेवन के तरीकों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया गया है। अगर आप भी इसे नियमित रूप से सेवन करके इसके लाभ उठाना चाहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसे उचित तरीके से सेवन करें। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमेशा आवश्यक है, इसलिए नियमित जाँच-परीक्षण और व्यायाम का समय समय पर ध्यान रखें।
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