JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)

By Shweta Soni

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हेलो दोस्तों

मेरा नाम श्वेता है, आज मै आप सभी के लिए बहुत अच्छी कहानी लेके आई हु ये कहानी एक राजपूताना की रानी जोधा और मुगल सम्राट राजा अकबर की है। आप सभी दोस्तों जोधा और अकबर का नाम तो सुने होंगे ना, आज मै अपने लेख में आप सभी प्यारे दोस्तों के लिए ये कहानी लेके आई हु |

आप सभी को जोधा अकबर का जनम कब और कहा हुआ था वे दोनों कैसे मिले। उनकी शादी कैसे हुई ये सब कहानी के जरिये बताने वाली हु। मै उम्मीद करती हु आप सभी को मेरी लिखी गई जोधा अकबर की कहानी पसंद आये। आप सभी इस कहानी को जरूर पढ़े धन्यवाद

जोधा अकबर की कहानी एक मशहूर भारतीय इतिहास की गाथा है, जोधा अकबर के बीच एक प्रेम कहानी है। इस कहानी में राजपूत संस्कृति के आदर्शों और मुगल संस्कृति के विरोधों का जोरदार तकरार था। इस कहानी का अधिकांश हिस्सा 16वीं शताब्दी के भारत में घटित हुआ था, जब अकबर मुगल साम्राज्य के शासक थे। उन्होंने राजपूताना के अधिकांश क्षेत्रों को जीता था और जोधा बाई उनकी बीवी बन गई थी।

इस कहानी में, जोधा बाई का रोल आमतौर पर एक वीरांगना जो अपने धर्म और अपनी प्रतिज्ञा के लिए जानी जाती है, उनके पति, महाराजा भोजराज के निधन के बाद, जोधा बाई को उनकी सांसद बेटी की तरह देखा जाता है जो मुगल सम्राट की शादी से होती है।अकबर का रोल भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली सम्राटों में से एक के रूप में दिखाया जाता है।

उनका व्यक्तित्व अनुशासन, दयालुत विवेक, तथा विश्वसनीयता से भरपूर होता है। वे एक बुद्धिमान शासक थे, जो अपनी सत्ता को स्थायी बनाने के लिए भारत के विभिन्न राजाओं को अपनी ओर आकर्षित करते थे।

अकबर का जन्म कब हुआ था |

अकबर, जिसका असली नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था, 14 अक्टूबर, 1542 को उमरकोट में जन्मा था। वह मुगल सम्राट हुमायूं के बेटे थे और उनकी मां बबरी बेगम थी। अकबर भारत के इतिहास में एक महान शासक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अपने समय में भारतीय सभ्यता, संस्कृति और विविधता को समर्थन दिया।

अकबर एक बहुत ही विद्वान्, साहसी और दूसरों के साथ अत्यधिक उदार राजा थे। उनकी सरकार काफी व्यवस्थित थी और उन्होंने अपनी सरकार को एक नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए विभिन्न सामाजिक और धार्मिक सुधारों की शुरुआत की।

अकबर के समय में, भारत अधिकतर मुसलमानों द्वारा शासित होता था, लेकिन अकबर ने समग्र भारत को अपने शासन तले लाने के लिए धर्म और संस्कृति के अंतर्गत विभिन्न समुदायों को एकत्रित करने का प्रयास किया।जोधा अकबर और उनके समय के इतिहास ने भारतीय समाज को समृद्धि और सम्मान की दिशा में एक बड़ी कदम उठाया था।

जोधा का जन्म कब हुआ था |

जोधा अकबर का जन्म 1542 ईस्वी में हुआ था। वह अमेर के अमेर राजघराने में पैदा हुई थी और उसके असली नाम जोधाबाई था। उनके पिता राजा भरमल की दूसरी पत्नी थीं और जोधा उनकी बड़ी बेटी थीं। जोधा की माता राजपूताना के जोधपुर के राजा मान सिंह की बहन थीं।

जोधा अपनी खूबसूरती और धैर्य के लिए जानी जाती थी और वह अपनी खूबसूरती से अपने परिवार और लोगों को प्रभावित करती थीं। वह राजपूत संस्कृति के समर्थक थीं और उन्होंने अपने जीवन में राजपूत धर्म और संस्कृति के महत्त्व को बचाया।

जोधा अकबर कैसे मिले थे |

जोधा अकबर से मिलने की घटना बहुत विवादित है। कुछ इतिहासकार इस बात का खंडन करते हैं कि जोधा अकबर की पत्नी थी या कि इस घटना की कोई वास्तविकता नहीं है। हालांकि, इसके अलावा भी बहुत से लोग इस बात का अनुमान लगाते हैं कि जोधा और अकबर का विवाह हुआ था।

कुछ इतिहासकारों के अनुसार, अकबर ने जोधा से विवाह करने के लिए अमेर के राजा भरमल से समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार, अकबर को जोधा को अपनी पत्नी बनाने के लिए जाना गया था। जोधा ने अकबर को दूध की थाली से देखा था जो कि अमेर में एक दीक्षा विधि थी जो संस्कृति और परंपराओं को पालन करती थी। जोधा ने उस समय उसे अपने आकर्षण के बारे में बताया था और अकबर भी उसे पसंद करने लगा था। इसके बाद, अकबर ने जोधा से शादी कर ली थी।

जोधा अकबर की शादी के बाद, उनके बीच अनेक रोमांटिक क्षण हुए जिन्हें इतिहासकारों द्वारा विस्तार से वर्णित किया गया है। अकबर और जोधा के बीच के संबंधों के बारे में कुछ लोग यह भी मानते हैं कि ये केवल इतिहास की कल्पना है और कुछ इतिहासकारों द्वारा बनाए गए कथनों के आधार पर है।

अकबर की जोधा से शादी ने उत्तर भारत में राजनीतिक स्थिति को सुधारा और उसने राजस्थान और मुगल साम्राज्य के बीच दोस्ताना संबंधों का नेतृत्व किया। जोधा ने अकबर को राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया था जो उसे भारतीय संस्कृति के बारे में जानने में मदद की।

जोधा अकबर का संयोग एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग का आधार बनाता है। जोधा और अकबर के बीच के संबंधों को लेकर अनेक कहानियां और कल्पनाएं हैं जो लोगों को आज भी रोमांचित करती हैं।

इतिहास में जोधा अकबर के संबंधों के बारे में कुछ विवाद भी हैं। कुछ इतिहासकार इस बात को मानते हैं कि जोधा और अकबर का संयोग सिर्फ एक राजनीतिक विवाह था जो दोनों शासकों के बीच दोस्ती और सौहार्द का संकेत था। वहीं, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि जोधा और अकबर के बीच के संबंध एक सच्ची प्रेम कहानी थी।

इस विषय पर बहुत सी फिल्में और टीवी शोज बनाए गए हैं जो जोधा अकबर की कहानी को दर्शाते हैं। इनमें से कुछ फिल्मों ने अक्सर इतिहास से खेला जो इस कहानी को स्वीकार्यता नहीं देते हैं, जबकि कुछ फिल्में इतिहासकारों के आधार पर निर्मित होती हैं।यदि आप जोधा अकबर के बारे में और जानना चाहते हैं, तो इतिहास से संबंधित किताबें पढ़ सकते हैं और यूट्यूब वीडियो भी देख सकते हैं जो इस विषय पर अनेक जानकारियां प्रदान करते हैं।

JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)
JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)

जोधा अकबर की प्रेम कहानी

जोधा अकबर की प्रेम कहानी एक अत्यंत रोमांचक कहानी है। इस कहानी में अकबर और जोधा का प्रेम एक समझौते के बाद शुरू हुआ था।

जोधा अकबर से पहले राजपूताना की राजकुमारी थीं। उनका विवाह महाराणा भरमल से हुआ था। जब अकबर दिल्ली के सम्राट बने तो उन्हें राजपूताना के राज्य को अपने अधीन करने की योजना बनाने की आवश्यकता थी। उस समय, जोधा अकबर के शासकों के समझौते के तहत अकबर से विवाह करने को मजबूर हुईं।

शुरूआत में, जोधा और अकबर के बीच संबंध बहुत ही खटपट थे। अकबर ने जोधा को पसंद नहीं किया था, लेकिन धीरे-धीरे उनके बीच एक खास बॉन्ड बना। उनके बीच एक सामंजस्य बनने लगा, और उनके प्रेम का सिलसिला शुरू हुआ।दोनों के बीच शुरूआत में बहुत सी कठिनाइयां थीं। लेकिन बाद में अकबर जोधा की समझ से भलीभाँति परिचित हो गए थे और उनके संबंध स्थिर हो गए थे। अकबर ने जोधा के साथ एक बेहतर जी अजीब जिंदगी जीने लगे।

उनका प्रेम बहुत ही समझदारी और समर्पण भरा था। वे एक दूसरे के समर्थन में खड़े रहे और एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।जोधा और अकबर का प्रेम एक अलग-थलग कला और संस्कृति के बीच के भेदभाव को भी छुआ था। जोधा अपनी संस्कृति के सभी परंपराओं और संस्कारों के लिए खरीददार रही जबकि अकबर मुस्लिम धर्म का अनुयायी था। लेकिन दोनों के बीच के प्रेम ने सभी सामाजिक और धार्मिक सीमाओं को पार कर दिखाया था।

जोधा और अकबर का प्रेम भी उनके देश के लिए एक संदेश था कि भारतीय संस्कृति और इस्लामी संस्कृति एक साथ काम कर सकती हैं।जोधा अकबर की प्रेम कहानी एक अत्यंत रोमांचक और सर्वोच्च प्रेम कहानी है जो उनके प्रेम और समर्पण को संदर्भित करती है।

जोधा और अकबर की प्रेम कहानी में उनके प्रेम के अंतिम नतीजे में, उन्होंने एक दूसरे के समर्थन में खड़े रहने का फैसला किया। इससे पहले उन्होंने कई बार एक दूसरे के लिए विवादों को सुलझाने का उत्साह दिखाया था।अकबर ने जोधा से शादी के बाद उनकी संस्कृति के प्रति समझ और समर्पण दिखाया और उन्होंने उनकी संस्कृति को सम्मान दिया। उन्होंने समाज में एक अलग मुकाम प्राप्त किया था।

जोधा अकबर की प्रेम कहानी एक संदेश भी देती है कि प्रेम और समर्पण के माध्यम से हम सभी संसार में शांति और सहयोग का माहौल बना सकते हैं।जोधा और अकबर का प्रेम एक समानता भावना को उनके बीच लाने में सफल रहा और उन्होंने संघर्षों, स्वभाव और सामाजिक दबाव के बावजूद एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया।

जोधा और अकबर की प्रेम कहानी न केवल इतिहास के एक अहम पन्ने को दर्शाती है, बल्कि यह एक अद्भुत कहानी है जो हमें बताती है कि प्रेम और समर्पण के माध्यम से हम एक दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं और सभी तकनीकी विवादों को सुलझा सकते हैं।

जब अकबर जोधा से पहली बार मिला, वह उनकी सुंदरता के प्रति बहुत आकर्षित हुआ। हालांकि, शासन पद पर होने के कारण वह शादी करने के लिए उन्हें चुनने में थोड़ा भी स्वतंत्र नहीं था। लेकिन उन्होंने अपने दोस्त बीरबल और तंगा के सहायता से जोधा से शादी करने का फैसला किया।शादी के बाद, जोधा अकबर को अपने ग्रहण में लेने के लिए हिन्दू धर्म को अपनाने के लिए कहती हैं, लेकिन अकबर ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें उनके विश्वास के आधार पर रखने का फैसला किया।

जब जोधा अकबर के साथ जाने के लिए तैयार हुई, उन्होंने अपने प्रिय भगवान श्रीकृष्ण से अनुरोध किया कि वह अकबर के हृदय में प्रेम का संदेश पहुँचाएं। इसके बाद, अकबर ने उन्हें अपने साथ जीवन भर के लिए चुना और उनके बीच एक समझौता हुआ जिसने उनकी जोड़ी को दृढ़ता से जोड़ दिया।

जोधा अकबर की प्रेम कहानी में उनके बीच समझौते के बाद एक नया अध्याय शुरू हुआ। वे एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे और उन्होंने एक दूसरे का सम्मान किया। अकबर ने जोधा को अपनी जीवन की सारी खुशियों का हिस्सा बनाया और उन्हें उनकी मातृभाषा में बोलने और पढ़ने वाले सभी साधनों को प्रदान किए। वे एक दूसरे के बारे में सोचते रहते थे और एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताते थे।

जोधा ने अकबर को एक नया दृष्टिकोण दिया और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में सीखाया। उन्होंने अकबर को रंगों, संगीत और कला के बारे में सीखाया जो उनके जीवन में एक नया आनंद था।जोधा और अकबर के बीच प्रेम बढ़ता गया और उन्होंने एक दूसरे के साथ बहुत सारी यादें बनाईं।

इस प्रेम के बीच अकबर ने जोधा को अपनी बेटी के रूप में स्वीकार किया जो उन्होंने बाद में अखबर बनी। जोधा अकबर की प्रेम कहानी एक अद्भुत कहानी है जो हमें यह बतउस वक्त शाहेनशाह अकबर संघर्ष में था, इसलिए उन्होंने जोधा के परिवार को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया। वे अपनी सैनिक ताकतों के साथ जोधा के गाँव अमेर को छोड़ गए। इस दौरान जोधा को आखिरी बार अपने घर में मिलने का मौका मिला था, जहाँ उसने अपने परिवार को छोड़ दिया था।

जोधा ने अकबर से मिलने के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा के चलते वे अकबर से मिलने से इनकार कर दिए थे। लेकिन अकबर के दूतों ने उसे इस बात का पता लगाया कि वे अपने जीवन से खुश नहीं थीं। उसके बाद अकबर ने जोधा से मिलने की अनुमति दे दी और उन्हें अपने सामने पेश करने के लिए कहा।

इसके बाद जोधा ने अपनी सारी समस्याओं को भुलाकर अकबर से मिलने का फैसला किया। उसने एक बहुत ही सुंदर फूल का बोझा तैयार किया था, जिसमें उसने अपनी भावनाओं को दर्शाते हुए अकबर के लिए एक प्रेम भरा संदेश लिखा था। जोधा अकबर के सामने उस फूल के साथ आये थे।

जोधा अकबर के कितने बच्चे हुए थे?

जोधा अकबर एक इतिहासी व्यक्ति हैं जो मुग़ल साम्राज्य के सम्राट अकबर की पत्नी थीं। जोधा अकबर और अकबर के बीच तीन बच्चे हुए थे। उनका पहला बच्चा जन्म वर्ष 1561 में हुआ था और उसका नाम जहाँगीर था। उनका दूसरा बच्चा का जन्म 1562 में हुआ था जिसका नाम मुराद बाख़्श था। उनका तीसरा बच्चा सलीम जन्म हुआ था जो 1569 में हुआ था।

इन तीनों बच्चों में से जहाँगीर बाद में मुग़ल सम्राट बना था और उसने अपनी मां जोधा अकबर को बहुत प्रेम और सम्मान दिया था। वह अपनी मां के प्रति अपनी वफादारी का ज्ञाता था।जोधा अकबर ने अकबर के बाद कई साल तक जीवित रही थीं, लेकिन उनके अकबर के बाद और किसी बच्चे का जन्म नहीं हुआ था।

जोधा अकबर के बाद, अकबर ने कुछ और राज्यविस्तार करने की कोशिश की और वह अपने जीवन के अंतिम दिनों में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी में रहते थे। वहाँ उनकी मृत्यु 1605 में हुई।जोधा अकबर एक बहुत ही प्रभावशाली महिला थीं जिन्होंने अपने पति की सहायता की थी और उनके साथ एक खुशहाल वैवाहिक जीवन जिए थे। उनके द्वारा जन्म दिए गए बच्चे भी बाद में मुग़ल सम्राट बने और इतिहास में अपनी पहचान बनायीं।

जोधा अकबर एक राजपूत महिला थीं और उनका विवाह अकबर से विवाहित होने से पहले एक स्वयंवर के जरिए हुआ था। अकबर उन्हें अपनी पत्नी बनाने से पहले उनके साथ कुछ समय बिताना चाहते थे, जिसके बाद उन्होंने उन्हें अपनी पत्नी बना लिया था।जोधा अकबर एक बहुत ही साहसिक महिला थीं जो अपनी प्रजाओं के लिए समर्थन देने के लिए प्रसिद्ध थीं। उन्होंने मुग़ल साम्राज्य के लिए बहुत कुछ किया था और उन्होंने अकबर को भी अपने राज्य के लिए समर्थन दिया था। उन्होंने अपने बच्चों को भी धार्मिक शिक्षा दी थी और उन्हें अच्छी तरह से पालन-पोषन किया था।

जोधा से पहले अकबर के कितनी पत्नी थी?

अकबर के कुल में 36 पत्नियां थीं। उनमें से कुछ पत्नियां उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा थीं, कुछ उनकी बचपन की दोस्त थीं और कुछ उनके युवावस्था के दौरान उनसे विवाह हुआ था। उनकी सबसे प्रसिद्ध पत्नी जोधा बाई थीं जिनसे उन्हें अपनी प्यार की शुरुआत हुई थी।

इसके अलावा, अकबर के कुछ प्रमुख पत्नियों के नाम निम्नलिखित हैं:

1- रुकय्या बानो :- उनकी पहली पत्नी जिनसे उन्हें 1556 में शादी हुई थी। वह एक बड़ी मुग़ल अधिकारी आत्मराम के बेटे थीं।

2- सलीमा सुल्ताना :- उनकी दूसरी पत्नी थीं। वह अकबर की अपनी चाची की बेटी थीं जिनसे उन्हें 1561 में शादी हुई थी।

3- मरीम-उल-जमान :- यह थी उनकी तीसरी पत्नी जिनसे उन्हें 1562 में शादी हुई थी। वह उनकी राज्यपाल बयज़ीद ख़ान की बेटी थीं।

4- जोधा बाई :- जोधा बाई या मारियम जमाना जोधपुर की राजकुमारी थीं जो अकबर की अमेर के विजय के दौरान उनसे शादी करने के लिए मजबूर हुए थे। उन्होंने अकबर के साथ 1562 में शादी की थी।

JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)
JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)

अकबर के दुश्मन कौन थे?

अकबर के जीवन काल में कई दुश्मन थे। कुछ उनके वंशज थे और कुछ उनके आसपासी राजाओं या जमींदारों से थे। यहां कुछ महत्वपूर्ण दुश्मनों के नाम दिए गए हैं:

1- हेमू :- हेमू अकबर के समय के एक प्रमुख रक्षक और महाराना प्रताप के समर्थक थे। उन्हें अकबर के सामने लड़ना पड़ा और अकबर ने उन्हें हरा दिया।

2- अफगान शासक :- अकबर के समय में अफगान शासक बहुत सक्रिय थे और उनके साथ कुछ संघर्ष भी हुए। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण शासकों में शेर शाह सूरी, इस्लाम शाह सूरी और यूसुफजई शाह थे।

3- महारानी दुर्गावती :- महारानी दुर्गावती राजपूत राज्य की रानी थीं जो अकबर के समय में नर्मदा नदी के किनारे निवास करती थीं। उन्होंने अकबर के उत्तराधिकारियों से लड़ाई की थी।

4- महाराणा प्रताप :- महाराणा प्रताप अकबर के समय में मेवाड़ के राजा थे जिन्होंने अकबर के सामने अपना नहीं माना था। उन्होंने हल्दीघाटी की लड़ाई लड़ उनका विरोध अकबर के साम्राज्य के विस्तार को रोकने में मुख्य था। अकबर ने उन्हें हराया था, लेकिन यह उनके साम्राज्य के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी रही है।

5- अफगान नवाब महमूद :- अकबर के समय में अफगान नवाब महमूद अकबर के खिलाफ उतरा था। उन्होंने दिल्ली को आक्रमण करने का प्रयास किया था, लेकिन अकबर ने उन्हें हरा दिया।

6- सिसोदिया राजा मानसिंह :- सिसोदिया राजा मानसिंह अकबर के विरोध में उतरे थे। उन्होंने जंगलों में गुप्त रूप से लड़ाई लड़ी थी। अकबर ने उन्हें हराया था।

7- मुगल सम्राट हुमायूं :– अकबर के जन्म के समय, उनके पिता हुमायूं मुगल साम्राज्य का संचालक थे। हुमायूं ने बहुत सारी लड़ाइयां लड़ी थीं, लेकिन उन्हें अकबर से हराया गया था और उन्हें देहावसान करने के लिए शेरशाह सूरी द्वारा बंदी बनाया गया था।

ये कुछ महत्वपूर्ण दुश्मनों के नाम थे। हालांकि, उनके दुश्मनों की सूची इससे बहुत लंबी हो सकती है। अकबर के जीवन काल में उनके विरोधियों में सम्राट हुमायूँ के अलावा राजा मानसिंह, अफगान नवाब महमूद, हेमू और राणा प्रताप शामिल थे। इनके अलावा, कुछ राज्यों के नेताओं ने भी अकबर के खिलाफ उतरा था।

JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)
JODHA AKBAR KI PREM KAHANI (जोधा अकबर को किसने मारा था?)

जोधा अकबर को किसने मारा था?

जोधा अकबर को किसी ने मारा नहीं था क्योंकि जोधा अकबर एक महिला थी और वह मरने से पहले ही अकबर से पहली ही मृत्यु हो गई थी। अकबर की मृत्यु उसकी बीमारी से हुई थी। उसका निधन 1605 में हुआ था।

अकबर की मृत्यु के पीछे की कुछ मुख्य कारणों में से एक था उनके आयु का उन्नत अवधि के फलस्वरूप होने वाले शारीरिक समस्याएं जैसे कि बीमारी या अन्य रोग। इसके अलावा, उनकी जीवन शैली भी एक मुख्य कारण थी। अकबर ने शराब और तम्बाकू की लत डाली थी जो उनके स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाती थी। इसके अलावा, वे उम्र के साथ वजन कम करने लगे थे जो उनके शरीर में अतिरिक्त दबाव डाल रहा था। इसी वजह से अकबर ने जितनी जल्दी संभव हो सकती थी जीवन का अंत कर दिया था।

अकबर के दौर में उनके विरोधी बहुत सारे थे। वे भारत के विभिन्न भागों में स्थित राज्यों के शासकों के साथ युद्ध करते रहे थे जिसके कारण उन्हें कई दुश्मनों ने पाला था।

ये थी जोधा अकबर की कहानी ये कहानी बहुत ही मसूर थी इनकी प्रेम कहानी 16वीं शताब्दी से सुनी आ रही है आप सभी को ये कहानी पढ़ने में मजा आया होगा ऐसी बहुत सी कहानिया मै अपने वेबसाइट में लेके आते रहती हु आप सभी का प्रेम ऐसी बना रहे धन्यवाद।

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