छत्तीसगढ़ के नागलोक: जशपुर जिला की अनसुनी कहानी

By Shweta Soni

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हेलो दोस्तों , मै श्वेता आप सभी का स्वागत है आज मै आप सभी के लिए छत्तीसगढ़ के नागलोक: जशपुर जिला की अनसुनी कहानी के बारे में बताने वाली हु। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में प्रदेश में अन्य जिलों की तुलना में सबसे ज्यादा सांप पाए जाते हैं. सर्पदंश से मौत के आंकड़ों में भी जशपुर प्रदेश में अव्वल है. जिले में विभिन्न प्रकार के सांपों के बहुतायत संख्या में पाए जाने के कारण जशपुर को नागलोक के नाम से भी जाना जाता है. जशपुर में सालों से स्नेक पार्क बनाये जाने की मांग है, जो आज तक लंबित है.

सबसे पहली नजर में

छत्तीसगढ़, भारतीय उपमहाद्वीप का एक रंगीन राज्य, प्राचीनतम सभ्यताओं की अनमोल धरोहर से भरपूर है। इस राज्य के प्रत्येक जिले में विशेषता है, और जशपुर भी उनमें से एक है। जशपुर जिला को नागलोक के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और सांपों के प्रति आवश्यक समर्पण के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि जशपुर कैसे अपने नाम के प्रति उपहास सहते हुए एक अद्भुत सफलता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

छत्तीसगढ़ के नागलोक: जशपुर जिला की अनसुनी कहानी

जशपुर: छत्तीसगढ़ का नागलोक

जशपुर छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है और यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता दिल को छू लेती है। यह जगह अपने नाम के खिलवाड़ी बनती है, क्योंकि जशपुर में सांपों की विविधता और संरक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलु हैं।

नागोलोक की खोज में

जशपुर जिले में सांपों की एक विशेष प्रजाति के बारे में बात की जाती है, जिन्हें प्लेटिनियम सांप के नाम से जाना जाता है। ये सांप अपने शानदार रंगीनता और विशेष आकर्षण के लिए प्रसिद्ध हैं। जशपुर में ये सांप मुख्यतः पहाड़ियों में पाए जाते हैं और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए कई पहलु हैं।

सांपों के संरक्षण की आवश्यकता

जशपुर जिले में सांपों के संरक्षण की आवश्यकता को महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से देखा गया है। यहाँ के प्राकृतिक वातावरण ने इन सांपों को एक सुरक्षित आवास प्रदान किया है, लेकिन बदलते समय के साथ, उनकी संरक्षण की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।

जशपुर के सांप उद्यान की यात्रा

जशपुर जिले के अधिकांश क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए प्रसिद्ध हैं, और यहाँ के सांपों के संरक्षण की यात्रा एक अनोखी अनुभव हो सकती है।

यात्रा का प्रारंभ

यात्रा का प्रारंभ जशपुर के सांप उद्यान से होता है, जहाँ पर प्लेटिनियम सांपों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। आपको यहाँ सांपों के प्राकृतिक आवास की भी जानकारी मिलती है, जिनसे आप उनके संरक्षण के प्रति अधिक जागरूक हो सकते हैं।

नेचुर के संगीत

यात्रा के दौरान, आपका मन और आत्मा नेचुर के संगीत में खो जाएगा। जशपुर की वन्यजीव संपदा आपके आस-पास के प्राकृतिक संसर्ग में आपको ले जाएगी, जिससे आपका आंतरिक शांति मिलेगा।

उम्मा: एक नया पर्यटन स्थल की दिशा में

जशपुर के सांपों के संरक्षण के प्रयासों के साथ ही, जशपुर जिले में एक नया पर्यटन स्थल का उद्घाटन हुआ है – उम्मा। यह स्थल वन्यजीवों के साथ आपको एक नयी जिंदगी की तरफ आमंत्रित करता है।

वन्यजीव संरक्षण के साथ अनूठा अनुभव

उम्मा आपको वन्यजीवों के करीब से देखने और उनके प्राकृतिक आवास में समय बिताने का मौका देता है। यहाँ के प्राकृतिक सुंदरता को देखकर आपकी आँखों में आश्चर्य और बहुत सारी खुशियाँ हो सकती हैं।

छत्तीसगढ़ के नागलोक: जशपुर जिला की अनसुनी कहानी

समापन

जशपुर जिला न केवल छत्तीसगढ़ की अद्वितीयता का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक साक्षी है कि मनुष्य किस तरह प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सक्षम है। जशपुर के नागलोक की कहानी विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हो सकती है जो प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के महत्व को समझते हैं।

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