उत्तराखंड की चोपटा घाटी में पाया गया दुर्लभ ऑर्किड: सिम्बिडियम लैंसिफोलियम के विषय में रोचक जानकारी

By Shweta Soni

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हेलो दोस्तों, मै श्वेता, आप सभी का स्वागत है आज मै आप सभी को चोपटा घाटी में पाया गया दुर्लभ ऑर्किड: सिम्बिडियम लैंसिफोलियम के विषय में रोचक जानकारी। हाल में यहां एक दुर्लभ ऑर्किड सिंबिडियम लेंसिफोलियम की खोज हुई है। चोपता घाटी में यह पौधा 1761 मीटर की ऊंचाई पर पाया गया। वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी की टीम यहां पौध सर्वेक्षण के लिए गई थी।

इस दौरान टीम ने पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दुर्लभ ऑर्किड सिंबिडियम लेंसिफोलियम को खोज निकाला। पिछले तीन साल में वन अनुसंधान केंद्र की पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पुष्प प्रजातियों की खोज की यह चौथी उपलब्धि है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सप्तकुंड ट्रैक के ऊपर लिपारिस पाइग्मिया ऑर्किड की खोज हुई थी। यह प्रजाति भारत में 124 साल बाद रिपोर्ट की गई थी।

इसे प्रतिष्ठित फ्रांसिसी पत्रिका रिचर्डियाना ने प्रकाशित किया था। वर्ष 2021 में चमोली की मंडल घाटी से ऑर्किड ओब्लांसोलाटा रिपोर्ट किया गया। साल 2022 में दुर्लभ मांसाहारी पौधा यूट्रीकुलेरिया फुर्सेलाटा खोजा गया था।

उत्तराखंड की चोपटा घाटी में पाया गया दुर्लभ ऑर्किड

भूमिका

ऑर्किड पौधे अपनी रमणीयता और अनोखेपन के लिए जाने जाते हैं। ये फूल विश्वभर में पाए जाते हैं, लेकिन कुछ अनोखे ऑर्किड प्रजातियाँ दुनिया भर में अपरिपक्व वन्यजीवन के नाम से अनजानी रहती हैं। इनमें से एक दुर्लभ ऑर्किड प्रजाति है, जो हाल ही में उत्तराखंड के चोपटा घाटी में पाई गई है – सिम्बिडियम लैंसिफोलियम। इस लेख में, हम इस रोचक ऑर्किड के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

सारांश

एक उत्तराखंड के छोटे से गाँव, चोपटा घाटी ने ऑर्किड प्रेमियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। यहां पर स्थिति से हुआ पता चलता है कि दुर्लभ ऑर्किड सिम्बिडियम लैंसिफोलियम की खोज की गई है, जो आम तौर पर लोगों के लिए एक रहस्यमय और रोमांचक संदर्भ बनती है। इस लेख में, हम इस दुर्लभ ऑर्किड के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो चोपटा घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष विकल्प बन सकती है।

चोपटा घाटी: एक परिचय

पूर्वी उत्तराखंड में स्थित चोपटा घाटी एक अद्भुत प्राकृतिक स्थल है जो प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है। यह स्थान दर्शकों को वन्यजीवन, बर्फ के ढेर और प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित करता है। चोपटा घाटी का अपना अलग ही चमक और सुंदरता है, जो वहां के वन्यजीवन को और भी रोमांचक बनाती है। इस स्थान पर यात्रा करते समय लोग अनेक दुर्लभ प्राकृतिक प्रजातियों से मिल सकते हैं, जिनमें से एक है – सिम्बिडियम लैंसिफोलियम।

सिम्बिडियम लैंसिफोलियम: एक रहस्यमय ऑर्किड

सिम्बिडियम लैंसिफोलियम, जिसे आमतौर पर लॉटस ऑर्किड भी कहते हैं, विश्वभर में अपने रहस्यमय रूप और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह ऑर्किड प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप के निचले हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती है। इसे चोपटा घाटी में पाने का ख़ुशी अनुभव करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। यह ऑर्किड पौधे का वृद्धि करने वाला तत्विक तंत्र भी काफी दिलचस्प है, जिसके कारण यह और भी रहस्यमय हो जाता है।

चोपटा घाटी में सिम्बिडियम लैंसिफोलियम का खोज

चोपटा घाटी में सिम्बिडियम लैंसिफोलियम का खोज करना विज्ञानियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस छोटे से इलाके में इस दुर्लभ ऑर्किड का पता चलना एक बड़ी खोज है, जो इस प्रजाति की संरक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक है। इसे पाने के लिए विज्ञानियों ने कई संगठनों के साथ मिलकर मेहनत की है। चोपटा घाटी में इसे पाने के लिए किए गए शोध के पीछे एक नई प्राकृतिक प्रजाति का पता चला है, जो वन्यजीवन और जंगली फूलों के प्रेमियों के लिए एक आकर्षक स्थल बन सकता है।

सिम्बिडियम लैंसिफोलियम का संरक्षण

ऑर्किड एक नाजुक फूल होते हैं, जो अपने प्राकृतिक पर्यावरण में ही अच्छी तरह से विकसित होते हैं। यह फूल अपने आवास के नुकसान से प्रभावित हो सकते हैं, जो उन्हें खत्म कर सकता है। सिम्बिडियम लैंसिफोलियम की संरक्षण की आवश्यकता भारतीय सरकार और सम्बंधित संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे संरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि ये दुर्लभ ऑर्किड विकसित होती रहे और आने वाली पीढ़ियों को भी इसका आनंद लेने का अवसर मिले।

उत्तराखंड की चोपटा घाटी में पाया गया दुर्लभ ऑर्किड

समाप्ति

चोपटा घाटी में पाई गई सिम्बिडियम लैंसिफोलियम एक अद्भुत खोज है, जो प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। इस दुर्लभ ऑर्किड के बारे में जानकारी जुटाने के लिए विज्ञानियों ने कई संगठनों के साथ मिलकर काम किया है। इसे संरक्षित रखने के लिए हमारे सभी का साथ देना आवश्यक है, ताकि ये फूल भविष्य में भी हमारे साथ बने रहें।

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