SHER KI KAHANI IN HINDI

By Shweta Soni

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नमस्कार दोस्तों ,

मेरा नाम श्वेता है और में हमारे वेबसाइट के मदत से आप के लिए नए नए और अच्छे अच्छे कहानी लेके आती रहती हु | वैसे ही आज मै आप के लिए लेके आयी हु शेर की कहानी दोस्तों शेर की कहानी को पढ़ के आप को बहुत ही आनंद आएगा तो प्लीस दोस्तों इस कहानी को पूरा जरूर पढ़े और अपने दोस्तों और परिवार वालो के पास शेयर जरूर करे धन्यवाद |

शेर की कहानी

एक जंगल में एक बहुत ही बड़ा शेर रहता था। यह शेर बहुत शक्तिशाली था और अपनी ताकत का उपयोग करके उस जंगल का राजा माना जाता था। लेकिन इस शेर का अत्यधिक गर्व था जिसे उसे अक्सर समझ नहीं आता था।

एक दिन उसे अपने जंगल के बाहर निकलना पड़ा था जब उसे दूसरे शेरों से मुकाबला करना पड़ता था। उस दिन उसे पता चला कि उसकी शक्ति की तुलना में दूसरे शेर भी उतने ही शक्तिशाली थे। यह शेर अपने अहंकार में इतना खो गया था कि वह अपने दोस्तों से भी धोखा खा गया था।

एक दिन उसे एक मुर्गा मिला जो उसे अपने अंगोरों से खुश कर दिया। इसके बाद से शेर ने उस मुर्गे को अपना दोस्त मान लिया। यह मुर्गा शेर को धोखा नहीं देता था और उसे हमेशा सतर्क रखता था।

एक दिन शेर ने अपने दोस्त मुर्गे को एक नयी तरह की खुशी से बताया कि वह अब जंगल का नायक हो गया है। मुर्गा उसे बधाई देने लगा लेकिन फिर शेर का अभिमान फिर शेर का अभिमान फिर से जाग उठा और उसने मुर्गे से कहा, “तू कैसे सोच सकता है कि जंगल में मेरे बिना कोई नायक हो सकता है। तू अपने जगह पर रह और मुझे अपनी शक्ति का परिचय दे दे।”

मुर्गा ने शेर की इस बात पर उसे सलाह दी कि अभिमान बुरी बात है और वह अगली बार समझ से काम लेना चाहिए। लेकिन शेर ने मुर्गे की बातों को सुनने से इनकार कर दिया और उसे गुस्से से ललकारते हुए कहा, “तू मेरे अहंकार का मजाक उड़ा रहा है। मैं तेरे जैसे कमजोर लोगों की बात नहीं सुनता।”

शेर ने अपनी शक्ति और साहस का दिखावा करना शुरू कर दिया और उसने उस जंगल में शोर मचाना शुरू कर दिया। लोग दर-दर भागने लगे और जंगल के सभी जानवर वहाँ से दूर भागने लगे।

शेर को अपनी शक्ति का दिखावा करने में इतना लग गया कि उसे अपने दोस्त मुर्गे को खो देने का अहसास नहीं हुआ। जब शेर ने अपने दोस्त मुर्गे को ढूँढा तो वह उसे कहीं नहीं मिला।

शेर ने दुख से रोना शुरू कर दिया। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने मुर्गे की तलाश शुरू कर दी। वह जंगल के हर कोने में उसकी तलाश करता रहा, लेकिन उसे कहीं नहीं मिला।

शेर अपने दोस्त को खो देने के दर्द से बेहोश हो गया। उसके सपनों में भी मुर्गा ही आ रहा था। शेर ने तब सोचा कि अब उसे अपने अहंकार से ऊपर उठकर अपने दोस्त को खोजना होगा।

शेर ने जंगल में घूमते हुए बहुत समय बिताया लेकिन मुर्गे को कहीं नहीं मिला। तभी शेर को एक विचित्र विचार आया। उसने सोचा कि मुर्गा एक नये स्थान पर जा सकता है। शेर ने तुरंत उस स्थान की तलाश शुरू की जहां वह अपने दोस्त मुर्गे को ढूँढ सकता है।

शेर ने उस स्थान की तलाश करते हुए बहुत समय बिताया लेकिन वहां भी मुर्गे को नहीं मिला। शेर ने फिर सोचा कि अब उसे धैर्य रखना होगा और वह मुर्गे की तलाश जारी रखेगा।

कुछ दिन बाद, शेर ने एक स्थान पर एक छोटा सा पिंजड़ा देखा शेर ने पिंजड़े के अंदर देखा तो वह उसमें मुर्गे को देखा। उसने उसे बिना किसी शोर शराबे के अंदर से उठा लिया। मुर्गा अभी भी डरा हुआ था। शेर ने उससे कहा, “मुझसे घबराने की कोई जरुरत नहीं है। मैं तुम्हें कुछ नहीं करूँगा।”

शेर ने मुर्गे से बात करते हुए कहा, “मुझे माफ कर दो कि मैंने तुम्हारे साथ ऐसा किया। मैं अपने अहंकार के चलते तुम्हारे साथ बुरा बर्ताव किया था।”

मुर्गा शेर के बोलने से परेशान था, लेकिन उसने शेर के दोस्ती और सच्चाई के बारे में सोचा। उसने शेर को माफ कर दिया और शेर के साथ दोस्ती करना शुरू कर दिया।

शेर और मुर्गा दोस्त बन गए थे। वे जंगल में साथ में घूमते और खेलते थे। शेर ने अपनी गलती से सीख ली थी और अब उसने दूसरों के भावनाओं को समझना शुरू कर दिया था। उसने अपने दोस्ती और उसके साथ बराबरी करने की जरुरत को समझा था।

शेर और मुर्गे की दोस्ती दूरस्थ शहरों तक फैल गई थी। लोग शेर और मुर्गे की दोस्ती सुनकर लोगों में अचानक से एक संबंध आ गया था। वे यह समझते थे कि जब दो विरोधी भी दोस्त बन सकते हैं तो दो दोस्त भी अगर इच्छा करें तो कुछ भी कर सकते हैं। यह दोस्ती न सिर्फ शेर और मुर्गे के बीच होती थी बल्कि लोगों के दिल में भी एक दोस्ती का जज़्बा जागृत हुआ था।

दोस्ती का मतलब होता है एक दूसरे के भावनाओं का समझना और समर्थन करना। शेर और मुर्गे की दोस्ती ने लोगों को इस बात का संदेश दिया कि दोस्ती का मतलब होता है अपनी गलतियों से सीख लेना और दूसरों को समझना।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी व्यक्ति को उसकी दिखावटी रूप से नहीं जानना चाहिए, बल्कि हमें उसके असली व्यक्तित्व को समझना चाहिए। हमें किसी व्यक्ति के साथ बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए क्योंकि वह हमारी दोस्त बन सकता है। और जब हम किसी के साथ दोस्ती करते हैं तो हमें उसे समझने और समर्थन करने की जरुरत होती है।

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