बिहारी और चुड़ैल की कहानी | chudail ki kahani

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दोस्तों आज मै आप लोगो को बिहारी और चुड़ैल की कहानी बताने वाली हु। यह कहानी मुझे मेरे दादा जी ने बताई थी | ये कहानी सिंगपुर गांव की है। आप लोगो को ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए की चुड़ैल भी अच्छी होती है |

बासुरी की आवाज

एक बार सिंगपुर गांव में एक बिहारी नाम का चरवहा रहता था। सुबह चावल खाने के बाद वो अपनी माँ के हाथ की रोटी लेकर हर दिन चराने के लिए भेड़ो का झुंड लेकर जाता था। एक दिन बिहारी ने भेड़ो के झुंड को हरी घास के पास छोड़ दिया और बिहारी बरगत के पेड़ के निचे बासुरी बजने लग बासुरी की आवाज सुन कर बरगत पेड़ में बैठी चुड़ैल पेड़ से कूद गई और बिहारी के सामने आ कर खड़ी हो जाती है |

बिहारी डर जाता है तभी चुड़ैल बोलती है डरो मत मित्र मै बहुत बुखी हु मुझे तुम्हारे पास रखे खाने में से अच्छी खुशबू आ रही है क्या तुम मुझे इसमें से थोड़ा सा दे सकते हो खाने के लिए। बिहारी बोलता है मेरी माँ ने बनाया है रोटी को इतना बोल कर बिहारी चुड़ैल को दे देता है। रोटी इतना टेस्टी होता है की चुड़ैल पूरा खा जाती है।

चुड़ैल बोलती है मित्र मैंने तो तुम्हारी सब रोटी को खा गई। रुको मै तुम्हारे लिए फल लेकर आती हु। चुड़ैल जंगल जा कर बिहारी के लिए फल लेकर आती है। रोज ऐसी चलता था बिहारी चुड़ैल के लिए रोटी लता था और चुड़ैल बिहारी के लिए फल लती थी दिन ऐसी बीतते गया चुड़ैल और बिहारी एक अच्छे दोस्त बन गए थे।

बिहारी की माँ

एक दिन बिहारी की माँ की तबियत ख़राब हो जाती है और वो बहुत दुखी रहता है। जब वो भेड़ो को चराने के लिए लेकर जाता है तब उसके वो चुड़ैल आती है और बोलती है मित्र आज इतना लेट कैसे हो गया तुझे आने में मुझे बहुत जोर से भुख लग रही है |

लाओ मित्र आज क्या लेके आये हो मुझे दो मुझे तीज भुख लग रहा है लालो अब मुझसे वेट नहीं हो रहा है बिहारी कुछ नहीं बोलता है शांति से चुप चाप बैठा रहता है |

चुड़ैल के बहुत बार पूछने पर बिहारी ने बताया की मै आज तुम्हारे लिए कुछ नहीं ला पाया हु मुझे माफ़ करना। चुड़ैल बोलती है कोई बात नहीं तुम यह बताओ तुम इतना शांत क्यों हो आज तुमने बासुरी भी नहीं बजायी तुझे क्या हुआ मित्र बताओ मुझे बिहारी सब बात बताता है |

चुड़ैल को की मेरी माँ का तबियत बहुत ख़राब है और मेरे पिता जी जंगल से लकड़ी काट कर लेट है उसे बाजार में जा कर बेचते है पर उतने पैसे में मेरा घर चल नहीं पता है और माँ का इलाज भी नहीं हो पा रहा है मै क्या करू मुझे समझ नहीं आ रहा है।

चुड़ैल बिहारी से बोलती है मै कुछ करती हु पर मुझे कुछ दिन का टाइम दो। तुम मेरे लिए खाना लाते थी उस माँ के हाथ का मै तुम्हारी मददत जरूर करुँगी मित्र बोल कर चली जाती है। बिहारी और चुड़ैल की कहानी

बिहारी और चुड़ैल की कहानी | chudail ki kahani
बिहारी और चुड़ैल की कहानी | chudail ki kahani

राजा और बाघ

राजा विक्रम शिकार करने के लिए जंगल में गए थे शिकार कर के लोट रहे थे। तभी राजा के सामने बाघ आ जाता है,बाघ राजा के ऊपर कूद कर पंजा मरता है राजा घोड़े से निचे गिर जाता है। बाघ राजा को मरने वाला ही था की वह पास चुड़ैल आ जाती है और बाघ को राजा के तलवार से मर देती है और वह से वापस जा कर पेड़ में बैठ जाती है |

जब राजा को होस आता है। चरवहा उसके पास खड़ा होता है राजा को लगता है की चरवहा ने ही बाघ से बचाया है। राजा चरवहा से बोलता है तुम ने मेरी जान बचाई है उसके लिए धन्यवाद देता हु क्या तुम मेरे साथ राज महल चलोगे मै तुम्हे उपहार देना चाहता हु अपनी जान से खेल कर तुमने मेरी जान बचाई है |

राजा चरवहा से बोलत है मै तुमसे बहुत खुश हु | तुम मेरे साथ मेरे राजमहल चलो | बिहारी समझ जाता है यह सब चुड़ैल ने किया है चुड़ैल को धन्यवाद करता है औरचरवहा अपने घर जाता है अपने पिता जी और माँ को सब बात बताता है और अपने जाने की अनुमती लेता है। बिहारी के पता जी और माँ दोनों खुश हो कर बिहारी को जाने की अनुमती देते है। चरवहा राजा के साथ राज महल चला जाता है। बिहारी और चुड़ैल की कहानी

बिहारी राजपल अधिकारी

बिहारी राज महल आ जाता है। राजा ने बिहारी को सहि कपडे और रतन जड़ी पकड़ी दी। बिहारी को पढ़ना और लिखना भी सिखाया। राजा ने बिहारी को सहि जेवर दिए बिहारी से राजा बहुत खुश रहा करते थे। राजा ने कुछ दिनों बाद बिहारी को राज महल के खजाने के देख बल के लिए चुन लिया।

बिहारी ने राज कोज अधिकारी के रूप में अधिक काम करना चालू कर दिया। राजा का बिहारी के प्रतिक प्यार बहुत था। राज महल में काम करने वाले कुछ अधिकारी बिहारी से चिढ़ते थे । वे कुछ भी कर के बिहारी को राज महल से निकलना चाहते थे। राज महल के अधिकारी बिहारी को कुछ भी कर के फसना चाहते थे |

वे सही टाइम का इंतिजार कर रहे थे कुछ साल बाद राजा विक्रम जी की मित्यु हो गई। राज कुमार अमर सिंह को ताज पहना कर राजा बनाया गया। एक दिन जो अधिकारी बिहारी को पसंद नहीं करते थे वे राज कुमार अमर सिंह के पास जा कर कहा आप के पिता दवारा दी गई स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रहा है |

राज कोज अधिकारी खजाने से कई कीमती चीज़े चुरा चूका है फिर उस रात अधिकारी खजाने के कमरे में गए नकली चाबी के जरिये और फिर कुछ कीमती चीज़े चुरा ली। अधिकारी बिहारी के घर जा कर कीमती चीज़ो को पीछे गढ़ा खुद कर दबा दिए और अपने अपने घर आ कर सो गए।

सुबह राज कुमार अमर सिंह खजाने वाले रूम में गए और चेक किये तो पता चला की कुछ कीमती चीज़े गायब है। चुड़ैल भी अपने दोस्त बिहारी से मिलने आती है तब चुड़ैल अधिकारियो की सब बात सुन लेती है और वो बिहारी के घर जा कर कीमती चीज़ो को निकल कर उन अधिकारियो के घर में रख देती है। बिहारी के घर जब राज कुमार अमर सिंह जाते है|

तो उसे कुछ नहीं मिलता। बिहारी को कुछ समझ नहीं आता है चुड़ैल बिहारी से मिल कर सब बात बताती है की कुछ अधिकारियो ने ऐसा किया है। तब बिहारी चुड़ैल का फिर एक बार धन्यवाद किया तब चुड़ैल बिहारी को बोलती है तुम जाओ और राज कुमार अमर सिंह से बोलो की जो आप को बताये थे की मै आप के राज महल का कुछ कीमती चीज़ चोरी किया हु आप उसके घर में एक बार चल कर ढूढते है इतना बोल कर चुड़ैल चली जाती है।

बिहारी जा कर राज कुमार अमर सिंह को बोलता है। राज कुमार अमर सिंह उन अधिकारियो के घर जा कर ढूढ़ते है तो कीमती चीज़े उनके घर से ही निकलता है राज कुमार अमर सिंह ने बिहारी से माफ़ी मांग लिया। ये थी बिहारी और चुड़ैल की कहानी हमे इस कहानी से ये पता चला की कुछ चुड़ैल अच्छी भी होती है |

दोस्तों मै श्वेता उम्मीद करती हु की आप लोगो को मेरी स्टोरी बिहारी और चुड़ैल की कहानी अच्छी लगी हो | अगर अच्छी लगी हो तो प्ल्ज़ कमेंट कर के जरूर बताये | ऐसी सच्ची स्टोरी आप लोग के लिए लाते रहेंगे।

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