TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?

By Shweta Soni

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नमस्कार दोस्तों,

मेरा नाम श्वेता है और में हमारे वेबसाइट के मदत से आप के लिए एक नयी ताज महल की कहानी लेके आई हु और ऐसी अच्छी अच्छी कहानिया लेके आते रहती हु। वैसे आज मै ताज महल की कहानीऔर ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी? की कहानी लेके आई हु कहानी को पढ़े आप सब को बहुत आनंद आएगा |

ताजमहल की कहानी

जमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। यह मुगल शासक शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया गया था। ताजमहल का निर्माण सन् 1632 से 1653 तक चला था।

इसके अलावा, ताजमहल में संगमरमर की बेहतरीन कारीगरी भी दी गई है जो इसे एक आकर्षक दृश्य प्रदान करती है। इसकी दीवारों पर बनाए गए नक्शों और नक्शेदार ग्रंथों से लोग अभिव्यक्ति पा सकते हैं।

TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?
TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?

ताजमहल किसने बनवाया था

ताजमहल को मुग़ल शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। इसका निर्माण 1632 ईस्वी में शुरू हुआ था और 1653 ईसवी में पूरा हुआ था। इसके निर्माण में लगभग 20,000 मजदूरों, फ़ारसी स्थापत्यकार ईसा खान ने मुख्य रूप से निर्देशन दिया था। ताजमहल आगरा, भारत में स्थित है और यह भारत की एक अमर गाथा है।

ताजमहल को भारतीय विरासत का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है और यह दुनिया के सुन्दरतम भवनों में से एक है। इसे विश्व के सात आश्चर्यों में से एक घोषित किया गया है। ताजमहल की वास्तुशिल्प का समन्वय भारतीय, पर्षियन और इस्लामी शैलियों का है। इसमें प्रत्येक स्तंभ, संरचना और विस्तृत बाग का निर्माण मुग़ल शैली में किया गया है।

ताजमहल एक विशालकाय संरचना है जो चार मीनारों के साथ बनाई गई है। इसकी बहुतायत अंग्रेजी मार्बल से बनी है और इसमें एक कूटास्थ पुतले का बना हुआ समाधि स्थान है। ताजमहल विश्व के सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है जिसे दिन में लाखों लोग देखते हैं।

इसके अलावा, ताजमहल भारत की संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसे विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया है और इसे विश्व के सात आश्चर्यों में से एक के रूप में जाना जाता है।

ताजमहल का निर्माण मुग़ल शाहजहाँ के दौर में हुआ था, जब वह अपनी पत्नी मुमताज महल की मौत से बहुत दुखी था। उन्होंने ताजमहल का निर्माण उनकी याद में करवाया था। ताजमहल को उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर रखा था। ताजमहल की वास्तुशिल्प का समन्वय भारतीय, पर्षियन और इस्लामी शैलियों का है। इसमें प्रत्येक स्तंभ, संरचना और विस्तृत बाग का निर्माण मुग़ल शैली में किया गया है।

ताजमहल एक रोमांटिक प्रेम कहानी का प्रतीक भी है। शाहजहाँ और मुमताज महल का प्रेम इतिहास की सबसे लोकप्रिय प्रेम कहानियों में से एक है। इस भवन का निर्माण शुरू होने से पहले शाहजहाँ की पत्नी मुमताज महल की मौत हो गई थी। उन्होंने ताजमहल को अपनी पत्नी के स्मरण में बनवाने का फैसला किया था। ताजमहल में दोनों के समाधियां हैं जो एक-दूसरे के समक्ष होती हैं।

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत भवनों में से एक है और भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। ताजमहल को 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।

ताजमहल की विस्तृत इतिहास, संरचना और विस्तृत जानकारी के लिए, विभिन्न स्रोतों और किताबों का सहारा लिया जा सकता है। यह एक आश्चर्यजनक इंजीनियरिंग और भारतीय कला विरासत का प्रतीक है, जो दुनिया भर के लोगों को खींचता है।

ताजमहल का निर्माण 1632 ई. से लेकर 1653 ई. तक चला था। इसे मुग़ल शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल के स्मरण में बनवाया था। इस भवन का निर्माण करते समय शाहजहाँ ने बहुत से महल और भवनों का निर्माण भी करवाए थे। ताजमहल का निर्माण मुग़ल स्थापत्यकला के एक शानदार उदाहरण के रूप में जाना जाता है। इसमें प्रत्येक स्तंभ, संरचना और विस्तृत बाग का निर्माण मुग़ल शैली में किया गया है।

ताजमहल एक शानदार मार्बल संरचना है जो चार मीनारों से घिरी हुई है। इसमें प्रत्येक मीनार की ऊँचाई 40 मीटर से अधिक है। ताजमहल की संरचना में कुछ भागों में पत्थरों की खुदाई की गई थी, जो बहुत श्रमसाध्य और खर्चीले होते थे।

इसके अलावा, ताजमहल के विभिन्न भागों में अनेक ज्योतिषीय तथा सांस्कृतिक महत्व के विवरण होते हैं। यह एक ऐसी जगह है जिसमें अनेक तंत्र और मंत्रों का उपयोग करके अनुष्ठान किया जाता है। इसके अलावा ताजमहल में बहुत सारी कलाकृतियों की भी मौजूदगी होती है। इसे बचाने और इसकी संरक्षा करने के लिए भारत सरकार ने कई उपाय अपनाए हैं।

धिकतर लोग ताजमहल को सिर्फ एक भवन के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके पीछे एक गहरा इतिहास और संस्कृति की दुनिया होती है। यह एक अद्भुत जगह है जो भारतीय विरासत की अनमोल दस्तावेज है।

इस तरह, ताजमहल एक अनमोल सम्पदा है जो भारतीय संस्कृति, इतिहास और कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक अद्भुत पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।

ताजमहल का इतिहास 

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक विश्व धरोहर है। इसे मुगल शासक शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।

ताजमहल का निर्माण 1632 ईसा पूर्व से शुरू हुआ था और 1653 ईसा पूर्व में पूरा हुआ था। इसे पूरी तरह से मकराना मार्बल से बनाया गया है जिसे लाल लग्नामे वाले मकराना मार्बल के नाम से भी जाना जाता है।

ताजमहल के निर्माण में लगभग 20,000 शिल्पकारों, मजदूरों और विदेशी करीगरों ने काम किया था। इस अद्भुत इमारत की विशेषताएं उसके समरूपता, अंतरिक्ष विशेषताएं, तस्वीरों के नक्शे और उत्तम वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्माण की गई हैं।

ताजमहल के निर्माण में कई महत्वपूर्ण ताकनिकी तत्व भी शामिल थे, जैसे कि विवेकानंद बन्दरगाह, जो ईंटों के टुकड़ों को इस्तेमाल करके महल को जोड़ता है। इसके अलावा, दीवारों की विशेषता, पत्थर की लालित्य और मकराना मार्बल से बनाए गए फोंटेन भी इस महल के खूबसूरत आकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ताजमहल के अलावा, यहां पर भीतर एक अंगूठे के बराबर गहराई में मुमताज महल का कब्रिस्तान होता है जहां मुगल शासकों के कब्रों को संभाला गया है।

ताजमहल अपनी खूबसूरती, स्थान, और इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में माना जाता है। इसे भारत की सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक माना जाता है और वर्षभर दुनियाभर से हजारों पर्यटक यहां पर आते हैं।

ताजमहल का इतिहास और उसकी विशेषताओं के साथ-साथ, इस महल के पीछे एक रोमांचक दास्तान भी जुड़ी हुई है। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए इस महल का निर्माण करवाया था। मुमताज महल की मृत्यु के बाद शाहजहाँ ने उसकी याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था।

ताजमहल का निर्माण 1632 ई. में शुरू हुआ था और 1653 ई. में पूरा हुआ था। मुगल शासनकाल के समय ताजमहल को बनाने के लिए 20,000 से अधिक मजदूरों, निर्माताओं, कलाकारों, वास्तुशिल्पियों और वैज्ञानिकों को जुटाया गया था।

इस महल के निर्माण में विशेषतः पत्थर, मकराना मार्बल और लालित्य का इस्तेमाल हुआ था। इसके अलावा, ताजमहल की दीवारों की विशेषताएं भी इस महल की खूबसूरती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ताजमहल भारत की सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। इसे दुनियाभर के पर्यटकों द्वारा घूमने के लिए अपेक्षाकृत उपयुक्त स्थान माना जता है। ताजमहल की आकृति और रचनात्मक डिजाइन को दुनिया भर में उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इस महल की बाहरी दीवारों पर मुगलीय शिल्प और संस्कृति की विभिन्न आकृतियों की खुशनुमाई की गई है।

ताजमहल की संरचना बहुत ही सुंदर है, जिसमें गुमटी के साथ एक लंबा लंबवत पथ होता है जो महल के मुख्य भवन तक जाता है। महल के अंदर, शानदार सजावट और समृद्ध नक्शों वाले दीवारों से लेकर दीवारों पर विविधता से रंगीन आबलें तक, सब कुछ दिलचस्प लगता है।

ताजमहल के इतिहास, अर्थ, उपयोग और उसकी सुंदरता के साथ-साथ, इस महल के बारे में कई मिथक भी हैं। इस महल के बारे में कुछ लोग यह मानते हैं कि इसे नहीं बनाया गया था, बल्कि यह एक विहंगम अलीबाबा की चूड़ियाँ हैं। इस तरह के मिथक असत्य हैं। ताजमहल का निर्माण एक मुगल शासक द्वारा कराया गया था, और यह उसकी पत्नी मुमताज महल की याद में बनाया गया था।

अंत तो, यह था ताजमहल का इतिहास, जो मुगलकाल की स्मृतियों में एक अनमोल जवाहर है। आज भी, यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जो दुनिया भर से लाखों दर्शकों को आकर्षित करता है। ताजमहल की सुंदरता और इसका रोमांचकारी इतिहास, उसे एक सच्ची अदाकारी के रूप में स्थापित करते हैं, जिसे दुनिया की श्रेष्ठ आधुनिक निर्माणकला की संग्रहणीय उपलब्धि माना जाता है।

TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?
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शाहजहां की बेगम मुमताज महल की मृत्यु कैसे हुई

शाहजहां की बेगम मुमताज महल की मृत्यु का कारण उसकी बड़ी बीमारी थी जो उसे दिन-पर-दिन कमजोर कर रही थी। वह शाहजहां के एक दूसरे महल मुसम्मत बेगम के साथ रह रही थी जब उसे तीव्र बुखार हुआ और वह उसकी मौत की वजह बन गई।

मुमताज महल की मौत के बाद, शाहजहां ने उसके यादगार के रूप में ताजमहल नामक भव्य स्मारक का निर्माण करवाया। ताजमहल उसे अपनी पत्नी के लिए एक आदर्श श्रद्धांजलि बनाने का मौका दिया और आज वह दुनिया भर में एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है।

इसके अलावा, शाहजहां के प्रति उसकी बेगम के अत्यंत प्रेम की दृष्टि से ताजमहल एक उत्कृष्ट कृति है जो एक लव स्टोरी की तरह उनकी प्रेम कहानी को दर्शाती है। शाहजहां की बेगम मुमताज महल की मृत्यु ने उन्हें अपने सबसे प्रिय व्यक्ति को खोने का दर्द दिया था, जो उन्हें एक अद्वितीय स्मारक बनाने के लिए प्रेरित किया था। आज भी, ताजमहल एक अनुपम संग्रहालय है जो इतिहास, संस्कृति और प्रेम की कहानी को समाहित करता है।

ताजमहल का निर्माण शाहजहां के अधिकार के दौरान शुरू हुआ था और यह 1632 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था। इसका निर्माण 22 साल तक चला और 1653 ईसा पूर्व में ताजमहल पूर्ण रूप से तैयार हो गया था। ताजमहल के निर्माण में लगभग 20,000 मजदूरों और 1,000 विशेषज्ञों ने भाग लिया था। इसमें पत्थर, मार्बल और पत्थर का काम शामिल था। ताजमहल का निर्माण शाहजहां के प्रेम और विश्वास के परिणाम से हुआ था जो अद्वितीय सौंदर्य व आकर्षण का एक स्मारक बनाने के लिए प्रेरित करता था।

ताजमहल का नाम “ताज” उर्दू शब्द से लिया गया है जो “ताजी” या “स्वर्णिम” का अर्थ होता है, और “महल” अरबी शब्द से लिया गया है जो “मंदिर” या “मकान” का अर्थ होता है। ताजमहल को भारत की राजस्थानी मिश्रण शैली में बनाया गया है और इसके अलावा इसमें मुगल शैली के भी कुछ अंश हैं।

ताजमहल एक अनुपम संग्रहालय है जो दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। मुमताज महल की मृत्यु का कारण एक संक्रमण था जो उस समय अफगानिस्तान से फैला था। इस संक्रमण के दौरान शाहजहां की सेवा में काम करने वाले अनेक लोगों को भी ये बीमारी लग गई थी। मुमताज महल भी इस संक्रमण का शिकार हुआ था और वह इस संक्रमण से पीड़ित हो गई थी।

मुमताज महल ने जन्म दिया था और शाहजहां के जीवन में उसका बहुत महत्व था। शाहजहां और मुमताज महल के रिश्ते के बारे में कहा जाता है कि शाहजहां उससे बेहद प्यार करता था और उसे बहुत याद करता था। उनके दोनों के बीच एक अद्वितीय रिश्ता था और शाहजहां ने मुमताज महल की मौत के बाद उसकी याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था।

मुमताज महल अपनी सुंदरता, सौंदर्य और सजगता के लिए जानी जाती है। उसका निधन एक बड़ी हानि थी जो शाहजहां और उसके परिवार को सामने देखनी पड़ी। ताजमहल उसकी याद में बनाया गया था जो दुनिया भर में एक अनुपम स्मारक बन गया है।

शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था जो आज भी एक अनुपम स्मारक के रूप में दुनिया भर में मशहूर है। ताजमहल का निर्माण 22 साल में पूरा हुआ था और इसके निर्माण में लगभग 20,000 श्रमिकों और विशेषज्ञों की भागीदारी थी। ताजमहल के निर्माण में लाल पत्थर, सफेद मार्बल, जड़ूटों और मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया था।

ताजमहल के निर्माण के समय शाहजहां ने भारत में अपनी ताकत का परिचय किया था और उसने अन्य भवनों के निर्माण भी करवाए थे। उनमें से कुछ भवन अब भी मौजूद हैं जैसे अगरा का फोर्ट और जमा मस्जिद। शाहजहां की मृत्यु के बाद उसकी ताकत का अंत हो गया था और उसके साम्राज्य का अंत उसके पुत्र और उत्तराधिकारी औरंगजेब द्वारा आया था।

ताजमहल के अंदर की वास्तुकला

ताजमहल एक अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण है। इसमें भारतीय, पर्षियन और इस्लामी वास्तुकला का एक सुन्दर मेल देखने को मिलता है। ताजमहल का निर्माण सफेद मार्बल से हुआ है और इसकी सुन्दरता इस मार्बल की चमक और शैली में है।

ताजमहल का मुख्य दरवाज़ा मुख्य भवन के उत्तरी सीमा में स्थित है। इसमें सफ़ेद मार्बल के सुंदर मोतीफ़ स्थापित हैं और उसके ऊपर इस्लामी कलीग्राफ़ी बनाई गई है। भवन के भीतर दो बड़े खुले मैदान हैं, जो उत्तर और दक्षिण द्वार परिसर के बीच में होते हैं।

मुख्य भवन में मुख्य कमरे हैं, जिन्हें अंदर दायीं और बाईं ओर से दो छोटे कमरे घेरते हैं। उनमें से एक में शाहजहाँ की कब्र है, जबकि दूसरे में मुमताज महल की कब्र स्थित है। भवन के छत पर स्थित अंतरिक्ष के साथ संगम और बारमदे का नक्शा उपस्थित है, जो एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है।

इसके अलावा, ताजमहल में कई सुंदर मोतीफ़ शामिल हैं, जैसे कि मार्बल के नक्शे, मीनार, नक्शे की चित्रकारी, फाउंटेन, बाग और मूर्तियां शामिल हैं। मीनार भवन के दोनों पक्षों पर स्थित हैं और उनमें से एक आमतौर पर दरवाज़े से दायीं ओर होता है। इन मीनारों की ऊँचाई लगभग 40 मीटर होती है। ताजमहल के आसपास फारसी बाग शामिल हैं, जो कई प्रकार के फूल, पेड़ और झाड़ियों से सुसज्जित हैं।

ताजमहल एक अद्भुत कलाकृति है, जिसकी सुंदरता को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। इसकी वास्तुकला में सफ़ेद मार्बल का उपयोग, जोड़ों की सटीकता और चमक, नक्शे की चित्रकारी और दृश्य संग्रह इसे दुनिया के सबसे खूबसूरत मौमलों में से एक बनाते हैं।

इसके अलावा, ताजमहल के अंदर एक छोटी सी मस्जिद भी होती है, जो दक्षिण-पूर्व में स्थित होती है। इसके अलावा, महल के अंदर बहुत से ताला-बंद दरवाजे होते हैं जो परिसर को अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं। दीवारों पर विभिन्न मूर्तियां, तस्वीरें, सजावट और फुटकर का उपयोग किया गया है।

इसके अलावा, ताजमहल के अंदर संग्रहालय भी है, जो इसके निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यहां पर ताजमहल के निर्माण में शामिल कई मूर्तियां और उपकरण भी देखे जा सकते हैं।

समय के साथ, ताजमहल के अंदर अनेक तथ्यों को जोड़ा गया है, जैसे कि दीवारों पर मोती और जड़ों से बनी मूर्तियां जोड़ना आदि। हालांकि, इसके बावजूद, ताजमहल की वास्तुकला और सुंदरता आज भी उसके आकर्षण का कारण बनी हुई है।

ताजमहल की वास्तुकला का अद्भुत उपयोग दीवारों पर बनाए गए पत्थर की नक्काशी और शैली में है। इसकी सुंदरता और मजेस्टिक दृश्य उसकी सजावट, आकार और सुसंगत संरचना से आती है। इसके अंदर की वास्तुकला को अत्यंत ध्यान से देखना चाहिए, जिसमें स्थानीय और इस्लामी कलाकारों के दस्तकार के साथ, पारसी तथा तुर्क संस्कृति के अंग भी होते हैं।

महल के मुख्य बगीचे में फव्वारे होते हैं जो चारों ओर से खुले होते हैं जिससे शानदार दृश्य बनता है। यहां आपको सफेद और पीले रंगों के फूलों का बगीचा देखने को मिलता है।

इस प्रकार, ताजमहल के अंदर की वास्तुकला उसकी सुंदरता और मजेस्टी से अलग नहीं हो सकती। इसे देखने के लिए अवश्य एक बार जाना चाहिए।

ताजमहल के आसपास घूमने का पर्यटक स्थल

ताजमहल आगरा शहर में स्थित है और उत्तर प्रदेश राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। इसके आसपास कई पर्यटक स्थल हैं जो आप देख सकते हैं।

इसके पास चिराग़ दीवान-ए-खास, चिराग़ दीवान-ए-आम, मीना बाजार, शाही बाग़, अकबरी मस्जिद, जहांगीर महल, इटमद-उद-दौला और राम बाग़ जैसे इतिहास से भरे स्थान हैं जो आपको देखने और अनुभव करने के लिए मिलेंगे।

आप ताजमहल के आसपास खाने की विविधता का भी आनंद ले सकते हैं, जैसे कि पारंपरिक भारतीय खाने, वेस्टर्न फूड, चाय और आधुनिक फास्ट फूड।

अगर आप ताजमहल के आसपास के क्षेत्र से आगरा के अन्य पर्यटन स्थलों को देखना चाहते हैं, तो इसमें फतेहपुर सिकरी, अच्छल का महल, भरतपुर के बर्ड सेंचुरी, इतिमाद-उ-दौला और अल्लामा इकबाल का मकबरा जैसे स्थान शामिल हो सकते हैं।

आप ताजमहल के आसपास घूमते समय दो अन्य जगहों को भी देख सकते हैं – एक है मेहराब बाग़, जो ताजमहल से लगभग 500 मीटर दूर है और दूसरा है जैमिया मस्जिद, जो ताजमहल से लगभग 2 किलोमीटर दूर है।

अगर आपके पास अधिक समय है, तो आप अगर मौसम अनुमति देता है तो दिल्ली, जोधपुर, जयपुर और उड़ीपुर जैसे अन्य शहरों को भी देख सकते हैं। ये सभी शहर अपने अद्भुत संस्कृति, वास्तुकला और इतिहास से प्रसिद्ध हैं।

दिल्ली ताजमहल से लगभग 200 किलोमीटर दूर है और यह भारत की राजधानी है। यहाँ पर आप प्रसिद्ध जगहों जैसे कि राष्ट्रपति भवन, कुतुब मीनार, रेड फोर्ट, लोटस मंदिर, इंडिया गेट और इतिहास से भरपूर पुरानी दिल्ली जैसे इलाकों को भी देख सकते हैं।

जोधपुर राजस्थान के उत्तरी भाग में स्थित है और यह “ब्लू सिटी” के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर आप महाराजा उमेद सिंह का प्रसिद्ध मेहरांगढ़ किला देख सकते हैं जो भारत की सबसे बड़ी किले के रूप में जाना जाता है।

जयपुर राजस्थान की राजधानी है और “गुलाबी नगरी” के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर आप हवा महल, जंतर मंतर, अंबेर किला, सिटी पैलेस, जैन मंदिर और नहरगढ़ किले जैसी अनेक प्रसिद्ध जगहों को देख सकते हैं।

TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?
TAJ MAHAL KI KAHANI IN HINDI |ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?

ताजमहल में किसकी मृत्यु हुई थी?

ताजमहल के निर्माता मुगल शाहजहां की पत्नी मुमताज महल की मृत्यु हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण शुरू करवाया था, जो एक सुंदर उपलब्धि है जिसका इतिहास दुनिया भर में लोग देखने आते हैं।

मुमताज महल की मृत्यु 1631 ईस्वी में हुई थी। वह अपनी 14वीं गर्भधारण के दौरान गंभीर रोग में थीं जिससे वह जल्द ही मर गईं। उनके निधन के बाद, शाहजहां ने उनकी याद में ताजमहल का निर्माण शुरू करवाया था जो दुनिया भर में मशहूर हो गया है।

ताजमहल का निर्माण करने में करीब 22 वर्ष लगे थे और इसके लिए लगभग 20,000 मजदूरों, कलाकारों, विद्वानों और शिल्पकारों की भर्ती की गई थी। इसका निर्माण चौथी व आखिरी मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में कराया था। ताजमहल का निर्माण में सफेद मकराना मार्बल, पीतल, लोहे की टोकरी, लाल और सफेद संगमरमर और अन्य धातुओं का प्रयोग किया गया था।

इस अद्भुत निर्माण का उद्देश्य था मुमताज महल की याद में एक यादगार बनाना जो सदियों तक अमर रहे। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है और यह दुनिया के सुन्दरतम इमारतों में से एक है। इसे दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक माना जाता है।

ताजमहल दिन और रात दोनों में बेहद खूबसूरत लगता है। इसे देखने के लिए आगरा शहर में कई पर्यटक स्थल हैं जैसे कि आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, मीना बाजार आदि। इन सभी स्थलों को देखकर आप ताजमहल का भी मजा ले सकते हैं।

ताजमहल की विस्तृत जानकारी के अलावा, इसके आसपास के इलाकों में भी कुछ खूबसूरत स्थल हैं। जैसे कि यमुना नदी के किनारे वाला मेथा पार्क, मुग़ल सराय जैसे ऐतिहासिक इमारतें, चिराग़ दिहली आदि। इन सभी इलाकों में विदेशी पर्यटकों के अलावा देशी पर्यटक भी आते हैं। यहां आप बेहद सस्ती शॉपिंग कर सकते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ मजेदार वक्त बिता सकते हैं।

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