हेलो दोस्तों,
मै श्वेता, आप सभी का मेरे वेबसाइट chudailkikahani.com में स्वागत है। आज हम बात करने जा रहे है तीजन बाई भारत की जानी मानी पंडवानी गायिका और पंडवानी (Pandwani) को अंतरस्तरीय स्तर पर ख्याति दिलाने वाली मे से एक है। दुनिया कि सबसे चर्चित कथा महाभारत को एक अलग अंदाज में लोगो तक पहोचने वाली पहली महिला कलाकार तीजनबाई के बारे में इनके कथा सुनाने का अंदाज वाकई में काबिले तारीफ है |
स्टेज में खड़े होके तो कभी घुटनों के बल हाथो में तम्बूरे पकडे महाभारत की कथा को गाने के माध्यम से लोगो ताक पहोचाते है | जिसे पंडवानी गीत कहा जाता है | इसी कारण तीजनबाई छत्तीसगढ़ में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में चर्चित है |
- 1 तालिका
- 2 परिचय
- 3 बचपन की कठिनाइयाँ
- 4 लोक कला का प्रशंसक बनना
- 5 प्रथम सफलता की कहानी
- 6 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता
- 7 जीवन के एक मोड़ पर
- 8 सामाजिक कार्य
- 9 पुरस्कार और मान्यता
- 10 तीजन बाई अवार्ड्स (Teejan Bai Awards)
- 11 तीजन बाई का योगदान
- 12 आदर्श और प्रेरणा
- 13 विवाह और पारिवारिक जीवन
- 14 जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई
- 15 सामरिक जीवन का अन्त
- 16 उपास्य महिला कलाकार
- 17 समापन
तालिका
परिचय
इस लेख में, हम तीजन बाई के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें भारतीय संगीत और नृत्य जगत में एक महान लोक कलाकार के रूप में मान्यता प्राप्त है। तीजन बाई की कथा हमें उनकी मेहनत, संघर्ष और उत्कृष्टता की कहानी सुनाती है। उनका जीवन एक प्रेरणास्रोत बन सकता है और हमें यह यकीन है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप भी उनके प्रति सम्मान और आदर्शों की ओर आकर्षित होंगे।

बचपन की कठिनाइयाँ
तीजन बाई का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य के लक्ष्मीपुर गांव में हुआ। उनका जन्मदिन 24 जनवरी, 1956 को हुआ था। तीजन बाई के परिवार का आर्थिक स्थिति गरीब था और उन्हें बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके पिता एक नृत्य और संगीत प्रेमी थे और वे अपनी राष्ट्रीय कला को बच्चों को सिखाना चाहते थे। इसलिए, उन्होंने अपनी सभी संघर्षों के बावजूद अपने बच्चों के लिए नृत्य और संगीत के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक बनने का संकल्प बनाया।
लोक कला का प्रशंसक बनना
बचपन से ही तीजन बाई को लोक कला का बहुत प्रेम था। उन्होंने गांव में होने वाले सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने गांव के लोगों को अपने अद्भुत गायन और नृत्य के माध्यम से मंत्रमुग्ध किया। तीजन बाई ने छोटी उम्र से ही अपनी कला को और भी निखारा और समय बिताने के साथ-साथ नृत्य और गायन के क्षेत्र में गहरी प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
प्रथम सफलता की कहानी
तीजन बाई की प्रथम सफलता की कहानी बचपन की एक गाथा की तरह है। जब उन्होंने अपनी कला के क्षेत्र में नाम कमाया, तब सबकी नजरें तीजन बाई पर टिक गईं। वे छत्तीसगढ़ी लोक गीतों और जत्री नृत्य का प्रदर्शन करने लगीं और उनकी प्रतिभा ने उन्हें एक प्रख्यात लोक कलाकार के रूप में मान्यता दिलाई।
पूरा नाम (Full Name) | तीजन बाई |
पेशा (Profesion) | पंडवानी गायिका |
पिता का नाम (Father Name) | हुनुकलाल |
माता का नाम (Mother Name) | सुखमती |
आयु (Age) | 66 वर्ष (2022) |
जन्म (Date Of Birth) | 24 April 1956 |
जन्म स्थान (Place Of Birth) | गनियारी, भिलाई , छत्तीसगढ़ |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
Caste (Cast) | पारधी |
पुरस्कार (Award) | पद्मश्री 1988, पद्मभूषण 2003 और भी बहुत |
पढ़ाई (Education) | ज्ञात नहीं |
शादी (Marital Status/Husband) | तुलसीराम देशमुख |
निवास (Hometown) | भिलाई, छतीसगढ़ |
उचाई (Height) | 5’3 |
Net Worth | ज्ञात नहीं |
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता
तीजन बाई का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उच्च स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपनी अद्भुत प्रदर्शन के लिए बहुत सारे पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं। उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगीत महोत्सवों में शानदार प्रदर्शन किए हैं और अपनी प्रतिभा के माध्यम से भारतीय लोक कला को विश्व मंच पर प्रदर्शित किया है। उन्हें संगीत और नृत्य के क्षेत्र में एक विदेशी तार बना दिया गया है और उनकी प्रतिभा को दुनिया भर में मान्यता मिली है।
जीवन के एक मोड़ पर
तीजन बाई के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्होंने अपनी सभी संघर्षों के बावजूद अपनी कला के लिए आर्थिक समर्पण किया। वे इस बात की पहचान बनाना चाहती थीं कि लोक कला और संगीत सिर्फ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल किया जाना चाहिए। इसलिए, उन्होंने गांव के लोगों के लिए संगीत और नृत्य के पाठशालाएं खोलीं और उन्होंने लोगों को अपनी प्रतिभा का आनंद लेने का अवसर दिया।
सामाजिक कार्य
तीजन बाई के पास ज़्यादा प्राथमिकता संगीत और नृत्य के अलावा सामाजिक कार्यों को भी दी जाती है। उन्होंने अपनी प्रसिद्धि का इस्तेमाल करके गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क संगीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने वृद्ध आश्रमों और अस्पतालों में संगीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिससे संगीत और नृत्य का चमकता हुआ तार जीवन में खुशहाली और उमंग लाता है।
पुरस्कार और मान्यता
तीजन बाई की प्रतिभा और मेहनत को मान्यता और पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण समेत विभिन्न सरकारी पुरस्कारों से नवाजा गया है। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगीत महोत्सवों और प्रतियोगिताओं में बड़े-बड़े पुरस्कार भी मिले हैं। इन सभी पुरस्कारों ने तीजन बाई की मेहनत, समर्पण और प्रतिभा की प्रशंसा की है और उन्हें एक महान लोक कलाकार के रूप में स्थापित किया है।
तीजन बाई अवार्ड्स (Teejan Bai Awards)
1994 | श्रेष्ठ कला आचार्य |
1996 | संगीत नाट्य अकादमी सम्मान |
1998 | देवी अहिल्या सम्मान |
1999 | इसुरी सम्मान |
1988 | पद्म श्री |
1995 | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार |
2003 | डी. लिट, बिलासपुर विश्वविद्यालय |
2003 | पद्म भूषण |
2016 | एम एस सुब्बालक्ष्मी शताब्दी पुरस्कार |
2018 | फुकुओका पुरस्कार |
2019 | पद्म विभूषण |
तीजन बाई का योगदान
तीजन बाई का योगदान लोक कला के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनकी प्रतिभा, प्रदर्शन और लोकप्रियता ने लोगों को लोक संगीत और नृत्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूक किया है। तीजन बाई का योगदान भारतीय संगीत और नृत्य को विश्व मंच पर उच्चतम मान्यता दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण है।
आदर्श और प्रेरणा
तीजन बाई की जीवनी आदर्श और प्रेरणा का स्रोत है। उनका अद्भुत संघर्ष, संघर्ष और उत्कृष्टता से भरपूर जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता के लिए मेहनत और समर्पण आवश्यक होते हैं। वे एक आदर्श हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा मेहनत करते हैं और अपनी कला के माध्यम से लोगों को प्रभावित करते हैं। तीजन बाई की प्रेरणादायक कहानी हमें यह याद दिलाती है कि यदि हम सपनों के पीछे पड़ जाएं और उन्हें पूरा करने के लिए निरंतर मेहनत करें, तो हम किसी भी सीमा को पार कर सकते हैं।
विवाह और पारिवारिक जीवन
तीजन बाई का विवाह एक अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव है उनके जीवन में। उन्होंने अपने पति के साथ संगीत और नृत्य के क्षेत्र में मिलकर कार्य किया और उनका साथी उनके सपनों को पूरा करने में उन्हें सहायता की। उनके पारिवारिक जीवन में संगीत और नृत्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वे अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक आदर्श हैं।
जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई
तीजन बाई की जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी। उन्हें एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, जिसने उनके शारीरिक क्षमता को प्रभावित किया। लेकिन उन्होंने इस लड़ाई में भी अपनी मनोशक्ति और सामरिकता दिखाई और अपनी प्रतिभा के माध्यम से लोगों को प्रभावित करना जारी रखा। उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई में अद्वितीय साहस और प्रेरणा दिखाई।
सामरिक जीवन का अन्त
तीजन बाई ने अपने सामरिक जीवन में अपार सम्मान और उत्कृष्टता प्राप्त की। उन्होंने बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीत महोत्सवों में अपनी कला का प्रदर्शन किया और लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। उनकी सामरिक जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना थी जब उन्होंने अपने संगीत से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी महत्त्वपूर्ण प्रदर्शनीयों को समाप्त कर दिया।

उपास्य महिला कलाकार
तीजन बाई को लोग उपास्य महिला कलाकार के रूप में मानते हैं। उनकी प्रतिभा, उत्कृष्टता और संघर्ष की कथा लोगों को प्रभावित करती है और उन्हें उनके साहस, समर्पण और समर्पण की ओर प्रेरित करती है। उन्हें लोगों की प्रिय और प्रेरणादायक व्यक्तित्व माना जाता है, जो सपनों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं।
समापन
तीजन बाई एक ऐसी महिला हैं जो अपनी प्रतिभा और संघर्ष के माध्यम से दुनिया में अपना विशेष स्थान बना चुकी हैं। उनकी कला ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है और उन्होंने अपनी जीवनी से हमें यह सिखाया है कि संघर्षों के बावजूद अपने सपनों की प्राप्ति के लिए हमेशा मेहनत करना चाहिए। तीजन बाई एक आदर्श हैं, एक प्रेरणा के स्रोत हैं और हमारे लिए एक महान लोक कलाकार हैं।
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