Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai | शिवलिंग का अर्थ और महत्व, जानें इसकी रहस्यमय कहानी

By Shweta Soni

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हेलो दोस्तों, chudailkikahani.com में आप सभी का स्वागत है आज इस लेख में हम बात करेंगे की Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai | हिन्दू धर्म में शिवलिंगम का महत्व बहुत अधिक है। यह एक प्रमुख धार्मिक प्रतीक है जो भगवान शिव के अद्वितीय औ+र अमूर्त स्वरूप को प्रतिनिधित करता है। शिवलिंगम का मतलब है “ईश्वर का चिह्न” और इसका धार्मिक महत्व बहुत उच्च माना जाता है।

शिवलिंग का अर्थ इस तरह होता है शिव का प्रतीक. बिलकुल ठीक ऐसे ही हिंदी व्याकरण में में पुर्लिंग कर अर्थ हो जाता है पुरुष का प्रतीक और स्त्रीलिंग का अर्थ होता है स्त्री का प्रतीक. यहां नपुंसक लिंग भी प्रयोग में आता है जिसका अर्थ नपुंसक के प्रतीक से चिन्हित होता है. Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

शिवलिंग शब्द में शिव का अनंत अस्तित्व छिपा है।

Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

“शिवलिंग” शब्द व्याख्यान के लिए बहुत गहरा है। इसमें शिव के अनंत अस्तित्व की परिभाषा उजागर होती है। शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने के कारण, “शिवलिंग” शब्द का उपयोग किया जाता है। यदि स्कन्दपुराण में देखा जाए, तो वहां स्पष्ट किया गया है कि आकाश स्वयं ही लिंग है। “शिवलिंग” वह धुरी है जिस पर वातावरण सहित हमारी धरती और समस्त ब्रह्माण्ड टिका है। “शिवलिंग” का एक पर्याय अनन्त भी है, अर्थात जिसका कोई आदि या अन्त नहीं होता। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

शिव-पार्वती अनादि एकल स्वरूप हैं।

शिवलिंग शब्द में भगवान शिव और देवी शक्ति अर्थात मां पार्वती के आदि-आनादी एकल रूप का चित्रण भी है. इसमें पुरुष और प्रकृति की समानता का प्रतीक भी जिसे ऐसे कह सकते हैं कि इस संसार में न केवल पुरुष का और न केवल प्रकृति (स्त्री) का वर्चस्व है बल्कि दोनों का ही समान अस्तित्व है. आइये अब बात कर लेते हैं इसके समानांतर शब्द योनि की.

यदि आप हिन्दू धार्मिक ग्रंथ पढ़ें तो आपको योनि का अर्थ स्पष्ट हो जाएगा. योनि मनुष्य या प्राणी के जन्म से जुडी हुई है न कि किसी स्त्री के स्त्रीत्व से. कहा जाता है मानव योनि हज़ारों जन्मों के बाद हासिल होती है..या ये भी कहा जाता है कि बुरे कर्म करने से पशुयोनि में जन्म लेना पड़ता है, आदि..सुस्पष्ट है कि योनि का अर्थ संस्कृत में प्रादुर्भाव, प्रकटीकरण आदि होता है. प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार विभिन्न योनियों में अगला जन्म प्राप्त होता है | Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

‘शिवलिंग’ को तीन रूपों में बांटा गया है

शैव संप्रदाय कहता है कि ‘शिवलिंग’ ‘परशिव’, ‘पराशक्ति’ और ‘परमेश्वर’ तीन रूपों में बंटा है। ऊपर वाले भाग को ‘परशिव’ और बीच वाले हिस्से को ‘पराशक्ति’ कहते हैं। इन्हीं से मिलकर ‘परमेश्वर’ का रूप सृजित होता है, जिसका संबंध आत्मा से है। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

‘शिव का प्रतीक’

वैसे शाब्दिक रूप से बात करें तो संस्कृत भाषा में ‘लिंग’ का अर्थ ‘प्रतीक’ होता है और इसलिए ‘शिवलिंग’ का अर्थ हुआ ‘शिव का प्रतीक’। इसलिए ‘शिवलिंग’ को भगवान शिव के पवित्र प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

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शिवलिंग के पीछे का सच क्या है?

शून्य, आकाश, अनंत, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे ‘शिवलिंग’ कहा गया है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि आकाश स्वयंलिंग है। धरती उसकी पीठ या आधार है और सब अनंत शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे शिवलिंग कहा गया है। शिव पुराण में शिव को संसार की उत्पत्ति का कारण और परब्रह्म कहा गया है। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई ? 

Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

चक्र, ऊर्जा तंत्र में वे स्थान होते हैं जहां प्राण की नाड़ियाँ मिलती हैं और ऊर्जा का एक भंवर बनता है। वैसे तो शरीर में 114 चक्र होते हैं लेकिन आम तौर पर जब हम चक्रों की बात करते हैं तो हम सात महत्वपूर्ण चक्रों की ही बात करते हैं, जो कि जीवन के सात आयामों को दर्शाते हैं। ये सात महत्वपूर्ण ट्रैफिक जंक्शन की तरह हैं।

इस समय, भारत में अधिकतर लिंगों में केवल एक या दो चक्र ही स्थापित है। ईशा योग केंद्र में मौजूद ध्यानलिंग की खासियत ये है कि इसमें सातों चक्रों को अपने चरम तक ऊर्जावान बनाकर स्थापित किया गया है। यह ऊर्जा की सबसे उच्चतम संभव अभिव्यक्ति है।

ये इस तरह से है कि अगर आप ऊर्जा को लेते हैं और उसे उसकी तीव्रता की चरम सीमा तक ले जाते हैं तो, केवल एक निश्चित सीमा तक ये एक आकार को धारण कर सकती है, उसके बाद ये आकार छोड़ देती है। जब ये अपना आकार छोड़ देती है तो लोग इसे अनुभव नहीं कर पाते। ऊर्जा को उस बिंदु तक धकेलना कि जिसके बाद वो आकार छोड़ दे, और ठीक तभी उसे एक निश्चित रूप दे देना- इस तरह से ध्यानलिंग की स्थापना/प्रतिष्ठा की गई है। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

शिवलिंग कितने है ? 12 शिवलिंग

भारतीय संस्कृति वह एक विशेष संस्कृति है जो इस पृथ्वी पर विकसित हुई उन उत्कृष्ट संस्कृतियों में से एक है, जिसमें हजारों वर्षों से लोगों ने केवल मानव जाति के परम कल्याण के लिए ही ध्यान दिया है। जिस समय आपने भारत में जन्म लिया, आपके लिए जीवन का मतलब आपका व्यवसाय नहीं था, आपका पति या परिवार नहीं था। आपके जीवन का हर पहलू आपके मोक्ष के बारे में था। पूरे समाज का निर्माण भी इसी दृष्टिकोण में किया गया था।

इस संदर्भ में, हमारी संस्कृति में कई प्रभावशाली साधन विकसित किए गए हैं। ज्योतिर्लिंग एक ऐसा शक्तिशाली साधन है जो इसी मार्ग में स्थापित किए गए थे। इन आकृतियों की उपस्थिति से अत्यधिक शक्तिशाली अनुभूति होती है। ज्योतिर्लिंगों में अद्भुत ऊर्जा होती है, क्योंकि उन्हें विशेष तरीके से निर्मित किया गया है। इन्हें निर्माण के लिए मानव योग्यताओं के साथ-साथ प्राकृतिक शक्तियों का भी उपयोग किया गया।

विश्व भर में केवल बारह ज्योतिर्लिंग हैं। भूगोल और खगोलविज्ञान के दृष्टिकोण से वे महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित हैं। इन स्थानों पर विशेष प्रकार की ऊर्जा है। काफी पुराने समय में, कुछ विशेष ज्ञानी लोगों ने इन स्थानों का विस्तृत अध्ययन किया और खगोलीय गतिविधियों के आधार पर इन्हें चुना गया था। कुछ ज्योतिर्लिंग अब अदृश्य हो गए हैं, लेकिन बहुत से अब भी शक्तिशाली उपकरण के रूप में मौजूद हैं। Shivling Ka Matlab Kya Hota Hai

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