हेलो दोस्तों मै श्वेता आप सभी का स्वागत है आज हम दशहरा भारत में एक प्रमुख त्योहार है के बारे में बात करेंगे जो विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है। इस लेख में, हम देखेंगे कि दशहरा क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है। दशहरे के इस पर्व को विजयादशमी भी कहा जाता है, इसे जश्न का त्यौहार कहते हैं. आज के वक्त में यह बुराई पर अच्छाई की जीत का ही प्रतीक हैं. बुराई किसी भी रूप में हो सकती हैं जैसे क्रोध, असत्य, बैर,इर्षा, दुःख, आलस्य आदि.
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दशहरा 2023 में कब है? (Dussehra 2023 Date) :
अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. यह नवरात्र खत्म होते ही अगले दिन आने वाला त्योंहार है. 2023 में 24 अक्टूबर मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. इसे विजय पर्व या विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है. भारत में कुछ जगहों पर इस दिन रावण को जलाया नहीं जाता बल्कि उसकी पूजा भी की जाती है. यह जगह इस प्रकार है – कर्नाटक के कोलार, मध्यप्रदेश के मंदसौर, राजस्थान के जोधपुर, आंध्रप्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल के बैजनाथ इत्यादि जगहों पर रावण की पूजा की जाती है.
दशहरा क्यों मनाया जाता है: एक महत्वपूर्ण पर्व

दशहरा पर्व की कहानी क्या है
दशहरा के दिन के पीछे कई कहानियाँ हैं, जिनमे सबसे प्रचलित कथा हैं भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोड़ना.
राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे, उनकी पत्नी का नाम सीता था एवम उनके छोटे भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण था. राजा दशरथ राम के पिता थे. उनकी पत्नी कैकई के कारण इन तीनो को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा. उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया.
रावण चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था, जिसकी सोने की लंका थी, लेकिन उसमे अपार अहंकार था. वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था. वास्तव में रावण के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी, इसलिए रावण में एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का रावण में अहंकार था. जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था.
राम ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध किया, जिसमे वानर सेना एवम हनुमान जी ने राम का साथ दिया. इस युद्ध में रावण के छोटे भाई विभीषण ने भी भगवान राम का साथ दिया और अन्त में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया.
इसी विजय के स्वरूप में प्रति वर्ष विजियादशमी मनाई जाती हैं. अगर आप महाभारत व रामायण की कहानी पढ़ना चाहते है, तो क्लिक करें.
इतिहास और पौराणिक महत्व
- रावण वध की कथा: दशहरा का महत्व मुख्य रूप से रामायण के किस्से में है, जब प्रभु राम ने रावण का वध किया।
- मां दुर्गा की पूजा: दशहरा का अर्चना में मां दुर्गा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- दशमी तिथि का महत्व: यह त्योहार दशमी तिथि को मनाया जाता है, जिसका आधिकारिक महत्व है।
विभिन्न राज्यों में दशहरा का अद्भुत रूप
- बंदर बाजार, दिल्ली: इस दशहरा मेले का जबरदस्त आयोजन होता है जो दर्शकों को खींचता है।
- मैसूर दशरा, कर्नाटक: यहाँ का दशरा महोत्सव अपने आप में एक आकर्षक दृश्य होता है।
- कोलकाता की दुर्गा पूजा: यह बंदरबन दीपवाली और नवरात्र के साथ मनाई जाती है।

दशहरा क्यों मनाया जाता है
जब विजयादशमी की बात आती है, तो इसके बारे में कई कहानियां हैं कि कैसे यह त्योहार पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उदाहरण के लिए, उत्तर या पश्चिमी भारत के अधिकांश राज्यों में विजयादशमी भगवान राम के सम्मान में मनाया जाता है। दशहरे के पीछे की कहानी भगवान राम की रावण पर विजय को दर्शाती है। यह दिन राम लीला के अंत का भी प्रतीक है – राम, सीता और लक्ष्मण की कहानी का पुनर्कथन।
दशहरा का इतिहास क्या है?
रामायण के अनुसार भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की। इस दिन को मनाने के लिए लोग विजयादशमी उत्सव मनाते हैं और पूरे देश में विजयादशमी उत्सव मनाया जाता है। हर साल नवरात्रि के समापन पर विजयादशमी का त्योहार या दशहरा मनाया जाता है। दशहरा को 10 सिर वाले रावण पर विष्णु अवतार राम की जीत के रूप में मनाया जाता है।
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