हेलो दोस्तों,
मै श्वेता आप सभी का मेरे आर्टिकल में स्वागत है। आज मै ऐसी KINNAR KI KAHANI लेके आई हु जिसे आप सभी जान कर हैरान हो जायेगे की ये अपनी ज़िन्दगी कैसे जीते होंगे |आज भी भारत में किन्नर समाज की जिंदगी का रहस्य बनी हुई है। लेकिन आज मै आप सभी को इनके कहानी बताने वाली हु, की कैसे ये लोग इतनी कठिन ज़िन्दगी जीते है।
इनकी अलग ही दुनिया होती है कैसे होती है इनकी अलग दुनिया होती है। जो हमारे समाज के लिए रोज खुशियों की दुआ करते है ताकि उनका पेट भर सके, पर अफ़सोस लोगो के लिए दुआ करने वाले इसी किन्नर समज को लोगो ने ये कहिए कि हमारा समाज घृणा और तंजिया तौर पर देखता है।
आइए अब जानते है की किन्नर समाज की उस धेरी ज़िन्दगी पर नज़र डालते हैं जो मायूसी की कलम से और घृणा के आंसू से धुंधली पड़ी हुई है,ना इनका कोई भाई-बहन है ना ही माँ-बाप, ना ही कोई रिश्तेदार। हकीक़त तो यह है कि कोई इनके बारे में बात तक करना नही चाहता। जबकि ये रोज़ गले में ढोलक डाले अपनी ज़िन्दगी को खोजने निकलते हैं कि शायद नई सुबह के साथ इनकी ज़िन्दगी का भी नया आगाज़ हो। ये बच्चो को दुआ देती है, बधाई देते है। इसी से उनका पेट भरता है और यही उनकी रोजी होती है।
इस प्रकार, किन्नरों की कहानियाँ हमें प्रेम, सम्मान, समरसता, साहस और धैर्य की महत्वपूर्ण सीख देती हैं। यह हमें समाज में समरसता की महत्वता को समझाने के साथ-साथ, अपने स्वयं को और दूसरों को स्वीकार करने की भी प्रेरणा प्रदान करती हैं।
Table of Contents 1. सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियाँ: 2. किन्नरों को सम्मान चाहिए 3. किन्नर क्यों ऐसा सोचते है की हम जैसा किसी के घर में न हो पैदा 4. अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी 5.किन्नरों का आशीर्वाद 6.किन्नरों की चुप-चाप निकलती है शव यात्रा |

सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियाँ:
किन्नर समाज के लोग अकेले या समूह में रहते हैं और आपसी सम्बन्धों में बंधे होते हैं। वे अपनी संगठनिक पद्धति के माध्यम से रहते हैं और आपसी मदद और समर्थन के लिए एक दूसरे की मदद करते हैं। किन्नर समाज के लोगों का मुख्य आर्थिक स्रोत नर्तन और धार्मिक आयोजनों में योगदान होता है। यह समाज अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए सामाजिक सुधारों, शिक्षा, और रोजगार संबंधी मुद्दों पर भी काम करता है।
किन्नरों को सम्मान चाहिए
किन्नरों को हमारे शम्ज में रहने के लिए सम्मान चाहिए। हमारे समाज में रहने वाले हर एक व्यक्ति को जैसा सम्मान मिलता है। ठीक वैसे ही सम्मान किन्नरों को भी चाहिए। हम उन्हें सिर्फ एक दिन ही सम्मान देते है पर उन्हें एक दिन बस सम्मान नहीं चाहिए। जैसे हमे 30 दिन सम्मान मिलता है ठीक वैसे सम्मान की अपेक्षा वो भी करते है। हम सभी इनको कुछ भी बोल देते है पर ये सभी यही दुआ देते है की सब के घर में हम जैसा पैदा न हो। हम समाज वाले इनके साथ ऐसा क्यों करते है भगवन ने भी इन्हे भी इंसान बना कर भेजा है। आप सभी उन्हें सम्मान दे …
किन्नर क्यों ऐसा सोचते है की हम जैसा किसी के घर में न हो पैदा
किन्नर समाज में यह सोच प्रचलित है कि व्यक्ति की जन्मगत सामाजिक पहचान किसी भी सामाजिक समूह में उसके मूल्य और स्वाभाव को नकारने का कारण नहीं होना चाहिए। किन्नर समाज के लोगों की यह धारणा है कि हर व्यक्ति को समाज में स्वतंत्रता, सम्मान और समानता का अधिकार होना चाहिए, अपने जन्म के कारण किसी भी तरह की नकारात्मक चिन्ताओं या अपमान से दूर रहकर।
इस सोच का मूल कारण व्यक्ति की पहचान को शुरू से ही प्रतिष्ठित करना है और उसे एक स्वाभाविक और स्वीकृतियों वाला सदस्य के रूप में समाज में स्थान देना है। किन्नर समाज के लोग अपनी अनूठी पहचान को स्वीकारते हैं और अपने जीवन में संघर्ष करके, सामरिकता दिखाकर और अपने कौशलों को बढ़ाकर दूसरों के सामर्थ्य को सिद्ध करते हैं। उन्हें यह भी पता होता है कि वे सामान्य सामाजिक नोर्मों से अलग हैं, लेकिन यह इसका अर्थ नहीं है कि उनकी पहचान कमजोर होनी चाहिए।
किन्नर समाज के लोग व्यक्ति की जन्मगत सामाजिक पहचान को अपनी ताकत बनाते हैं और यह सोचते हैं कि जन्मगत परिवर्तन को बदलकर किसी के घर में या सामाजिक समूह में पैदा होने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके स्थान पर, उन्हें समाज में सम्मान, स्थान, और समानता का हकदार माना जाना चाहिए।
किन्नर समाज की यह सोच व्यक्ति को उसकी पहचान पर आधारित नकारने वाली सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रेरित करती है। वे अपनी सोच, सामरिकता, और समरसता के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष करते हैं और एक अद्वितीयता और समरसता के मान्यताओं को प्रमाणित करते हैं।

अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी
अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी महाभारत के वन पर्व में वर्णित है। अर्जुन ने उल्लूपी की बारे में सुना और उससे जानने की इच्छा व्यक्त की। उल्लूपी ने अर्जुन को एक परीक्षा देने का निर्णय किया। अर्जुन ने उसे एक रणयात्रा में भाग लेने का कहा। वहां अर्जुन ने उल्लू की आंखों को छेद दिया और उल्लूपी उसे स्वयंसिद्ध करने के लिए तैयार हो गई। उसकी राजसी शक्ति के प्रभाव से, अर्जुन किन्नर के रूप में परिवर्तित हो गए और वह उल्लूपी के साथ विवाहित हो गए। यह कथा अर्जुन के साहस और निष्ठा को दर्शाती है।
किन्नरों का आशीर्वाद
किन्नरों का आशीर्वाद हमेशा सर्वशक्तिमान की कृपा और आनंद से पूर्ण होता है। उनका आशीर्वाद सभी को सुख, समृद्धि और शांति देता है। वे प्रेम, सहयोग, और सामंजस्य के प्रतीक होते हैं और सदैव सफलता के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। उनका आशीर्वाद सुख, शांति, स्वास्थ्य, बुद्धि और समानता की प्राप्ति में मदद करता है।
किन्नरों की चुप-चाप निकलती है शव यात्रा
दोस्तों आप को बता दे की किन्नरों के रहन-सहन के तरीके से लेकर अंतिम संस्कार तक सारी चीजें आम लोगों से अलग होती है। बताया जाता है कि इनके पास आध्यात्मिक शक्ति होती है जिससे उन्हें मौत का आभास पहले से ही हो जाता है। कहते हैं जब भी किसी किन्नर की मौत होने वाली है तो ये कहीं भी आना-जाना बंद कर देते हैं. इतना ही नहीं, अपनी मौत का आभास होते ही ये खाना भी त्याग देते हैं. इस दौरान ये केवल पानी पीते हैं और ईश्वर से अपने और दूसरे किन्नरों के लिए दुआ करते हैं कि अगले जन्म में वे किन्नर न बनें.।
आप सभी को बता दे की किन्नरों में शव को जलाने की बजाए दफनाया जाता है. शव को सफेद कपड़े में लपेटा जाता है. इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि शव किसी चीज से बंधा न हो. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि दिवंगत की आत्मा आजाद हो सके. इसके अलावा माना जाता है कि अगर मृत किन्नर के शरीर को किसी आम जन ने देख लिया तो वो दिवंगत किन्नर अगले जन्म में भी किन्नर ही बनेगा. यही वजह है कि इनके अंतिम संस्कार के सभी रिवाज देर रात में पूरे किए जाते है।
ये परम पारा है की किन्नर समुदाय के लोग शव यात्रा निकालने से पहले शव को जूते-चप्पलों से पीटते हैं ताकि दिवंगत किन्नर को दोबारा इस योनि में जन्म न मिले. सभी किन्नर शव के पास खड़े होकर उसकी मुक्ति के लिए अपने आराध्य देव को धन्यवाद देते हैं. इसके अलावा दान-पुण्य किया जाता है।

आप सभी को यह किन्नरों की कहानी कैसे लगी और आज, किन्नर समाज की कहानी हमें यह सिखाती है कि विभिन्नता और समरसता एक समर्पित समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। यह हमें समझने के लिए प्रेरित करती है कि हर व्यक्ति को सम्मान और समानता के साथ जीने का अधिकार है। हमें किन्नर समाज के संघर्षों का समर्थन करना चाहिए और एक समान और जागरूक समाज की ओर अग्रसर होना चाहिए।
इस तरह से, किन्नर समाज की कहानी हमें अपनी सोच और धारणाओं में परिवर्तन लाने का जरूरी संदेश देती है। हमें सभी को समरस समाज के प्रति समझ और समर्पण में वृद्धि करने की आवश्यकता है और किन्नर समाज को उनकी मेहनत, संघर्ष, और सफलता के लिए सलामी देनी चाहिए।
READ MORE :- (BEST 21) 2 LINE LOVE ROMANTIC SHAYARI IN HINDI | HD IMAGES DOWNLOAD